तिरुवनंतपुरम, 20 फरवरी (भाषा) केरल के पलक्कड़ में शराब की भट्टी लगाने की अनुमति देने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतंत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) किसी भी परिस्थिति में इसकी स्थापना की अनुमति नहीं देगा।
कांग्रेस नेता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूडीएफ मंत्रिमंडल के फैसले का कड़ा विरोध करता है और अपना विरोध दर्ज कराता है।
उनका यह बयान सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) साझेदारों की एक बैठक के एक दिन बाद आया है जिसमें कथित तौर पर पलक्कड़ के एलाप्पुल्ली में इकाई को मंजूरी दी गई थी।
शुरू में शराब इकाई के खिलाफ विरोध में आगे आने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) पर कटाक्ष करते हुए सतीशन ने कहा, ‘‘इस बार मुख्यमंत्री पिनराई विजयन उन्हें अपमानित करने के लिए भाकपा मुख्यालय गए।’’ उन्होंने कहा कि ‘आमतौर पर वह उन्हें (भाकपा नेताओं) एकेजी सेंटर (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राज्य मुख्यालय) में बुलाते हैं। भाकपा अब बिना किसी रुख वाली पार्टी बन गई है।’’
सत्तारूढ़ एलडीएफ की बैठक राज्य की राजधानी स्थित भाकपा मुख्यालय में हुई, जिसमें वामपंथी सहयोगी भाकपा और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शराब निर्माण इकाई का विरोध किया। हालांकि बाद में वह इससे पीछे हट गए।
सतीशन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री ने अपना फैसला अपने सहयोगियों पर थोप दिया है।
उन्होंने ‘ओएसिस कमर्शियल’ को शराब की इकाई स्थापित करने के लिए मंजूरी देने के तरीके की भी आलोचना की और दावा किया कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कंपनी की पृष्ठभूमि संदिग्ध है। यह दिल्ली शराब घोटाले में शामिल थी और पंजाब में अपने परिचालन के चार किलोमीटर के दायरे में भूमिगत जल को प्रदूषित करने की दोषी पाई गई थी।’’
पलक्कड़ में पेयजल की गंभीर कमी पर प्रकाश डालते हुए सतीशन ने कहा कि मालमपुझा बांध लगभग सूख चुका है, इसके जलग्रहण क्षेत्र से प्राप्त हालिया दृश्यों से यह खुलासा हो रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि केरल लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन में वृद्धि की गई, लेकिन सरकार ने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) की मांग को नजरअंदाज कर दिया, जो अपने बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर राज्य की राजधानी में हड़ताल पर हैं।
सरकार पर जरूरतमंदों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए सतीशन ने मांग की कि केपीएससी सदस्यों के बढ़े हुए वेतन को वापस लिया जाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने भी आरोप लगाया कि शराब संयंत्र को मंजूरी देने के फैसले को लोगों के लिए प्रत्यक्ष चुनौती के रूप में देखा जा सकता है।
भाषा यासिर नरेश
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