नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 3,000 वोटों के मामूली अंतर से हराया.
मैदान में तीसरी प्रमुख दावेदार कांग्रेस की महिला विंग की प्रमुख अलका लांबा हैं, जिन्होंने 2019 में कांग्रेस में लौटने से पहले आप के साथ लगभग पांच साल बिताए थे. वह आतिशी से काफी पीछे हैं.
43 वर्षीय आतिशी, जो आप के लॉन्च के समय से ही इससे जुड़ी हुई हैं, 2015 में पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की सलाहकार बनीं.
2019 में, उन्होंने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के गौतम गंभीर के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं. 2020 में, पार्टी ने उन्हें कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा, जहां उन्होंने बीजेपी के धर्मबीर सिंह को 11,000 से अधिक मतों से हराया.
उसके बाद, वह एक विधायक से दिल्ली की सबसे व्यस्त मंत्री बन गईं, और कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला. पिछले साल, अरविंद केजरीवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद सातवीं दिल्ली विधानसभा के आखिरी चरण में वह सीएम बनीं.
कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र अपमार्केट रिहायशी इलाकों, मध्यम वर्गीय इलाकों, अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गियों का एक दिलचस्प मिश्रण है. महारानी बाग और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी जैसे इलाकों में जहां संपन्न वर्ग है, वहीं गोविंदपुरी, कालकाजी और तुगलकाबाद जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में निम्न मध्यम वर्ग की आबादी है.
अपने चुनाव अभियान के दौरान, आतिशी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक और आप की अन्य पहलों पर ध्यान केंद्रित किया. दूसरी ओर, बिधूड़ी और लांबा दोनों ने अपने अभियान को स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित रखा, जिसमें गंदा पानी, ओवरफ्लो होने वाले नाले, ऊपर लटकते तार, गंदी सड़कें और पार्किंग की समस्याएं शामिल हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार, कालकाजी में 1.95 लाख मतदाता हैं. इस क्षेत्र में पंजाबी और दलितों की संख्या अच्छी खासी है.
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