नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में हार स्वीकार कर ली है. बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह सिसोदिया से 572 वोटों से आगे हैं, 9वें राउंड की गिनती तक। कांग्रेस के फरहद सूरी तीसरे स्थान पर हैं.
करीब 12:50 बजे तक, सिसोदिया को 34,060 वोट मिले थे, जबकि मारवाह को 34,632 वोट और सूरी, जो कि पूर्व दिल्ली मेयर रह चुके हैं, को 6,866 वोट मिले कुल 10 राउंड में से 8 राउंड की गिनती पूरी हो चुकी थी.
शनिवार दोपहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पार्टी कार्यकर्ताओं ने अच्छा संघर्ष किया; हम सभी ने कठिन मेहनत की. लोगों ने हमारा समर्थन किया है. लेकिन, मैं 600 वोटों से हार गया हूं. मैं जीतने वाले उम्मीदवार को बधाई देता हूं. मुझे उम्मीद है कि वह क्षेत्र के लिए काम करेंगे.”
पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को पटपारगंज से जंगपुरा में भेजा गया था. वह 2013 में पूर्वी दिल्ली सीट से बीजेपी के उम्मीदवार नकुल भारद्वाज को हराकर पहली बार चुने गए थे. 2015 में सिसोदिया ने बीजेपी के विनोद कुमार बिन्नी को हराया और 2020 में उन्होंने बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी को केवल 3,207 वोटों से हराया.
सूत्रों के अनुसार, जीत का संकुचित अंतर ही सिसोदिया के जंगपुरा स्थानांतरण का मुख्य कारण था. आप को उम्मीद थी कि नेहरू नगर, सनलाइट कॉलोनी, निजामुद्दीन बस्ती जैसे क्षेत्रों में दलित और मुस्लिम वोट बैंक सिसोदिया को मारवाह और सूरी पर बढ़त दिलाएगा.
जंगपुरा में सिसोदिया को मारवाह से “बाहरी” होने का आरोप झेलना पड़ा, जिन्होंने पहले इस क्षेत्र से तीन बार जीत हासिल की थी. अपनी चुनावी मुहिम में बीजेपी नेता ने ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ का नैरेटीव बनाया, जबकि सिसोदिया ने आप के वादों और मुफ्त सुविधाओं पर जोर दिया.
इस सीट पर लगभग 1.48 लाख मतदाता हैं, जिनमें सिख और मुस्लिम वोटर 20 प्रतिशत से अधिक हैं. दलितों का इस क्षेत्र में 15 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है.
चुनाव प्रचार के दौरान आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि अगर पार्टी दिल्ली में चुनाव जीतती है तो सिसोदिया फिर से उपमुख्यमंत्री का पद संभालेंगे. जंगपुरा में सिसोदिया ने अगर वह चुने गए तो परिवर्तनकारी शासन देने का वादा किया था. “अगर मैं जंगपुरा से जीतता हूं, तो यहां के हर भाई और बहन को उपमुख्यमंत्री बना दिया जाएगा. यहां के लोगों का काम कोई नहीं रोक पाएगा.”
53 वर्षीय सिसोदिया, जो पहले अरविंद केजरीवाल के उपमुख्यमंत्री थे, मार्च 2023 में दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार हुए थे. सिसोदिया ने 17 महीने जेल में बिताए थे, बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पिछले साल अगस्त में जमानत दी गई.
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