(गौरव सैनी)
नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) ब्राजील में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन से पहले भारत द्वारा अपने नए जलवायु लक्ष्यों को प्रस्तुत किए जाने की संभावना है और ये लक्ष्य देश में उपलब्ध सीमित संसाधनों पर आधारित होंगे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
देशों को इस वर्ष 2031-2035 की अवधि के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित लक्ष्य (एनडीसी) या नयी जलवायु योजनाओं को प्रस्तुत करना आवश्यक है।
भारत समेत कई देशों के 10 फरवरी की समयसीमा चूकने की आशंका के बीच संयुक्त राष्ट्र जलवायु प्रमुख साइमन स्टील ने बृहस्पतिवार को उनसे सितंबर तक अपनी योजनाएं प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
ब्राजील में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन नवंबर में होना है।
इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि भारत ने अभी तक अपने नए एनडीसी को अंतिम रूप नहीं दिया है।
सूत्र ने बताया कि भारत के नए एनडीसी में उपलब्ध साधनों से प्राप्त किए जा सकने वाले लक्ष्य होंगे।
सूत्र ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन में कमी लाने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ-साथ अन्य सहायता की भी आवश्यकता है। विकसित देश यह सहायता देने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन जो देश जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, वे क्यों कष्ट भोगते रहें?’’
इन जलवायु योजनाओं का सामूहिक उद्देश्य औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है, जो 2015 के पेरिस समझौते का प्रमुख लक्ष्य है।
जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) के अनुसार, उच्च आय वाले औद्योगिक राष्ट्र, जो ऐतिहासिक रूप से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले अधिकांश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार रहे हैं, उन्हें विकासशील और निम्न आय वाली अर्थव्यवस्थाओं को वित्त, प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है।
इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय संघ के सदस्य देश जैसे जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं।
भाषा सुभाष नेत्रपाल
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