scorecardresearch
Thursday, 6 February, 2025
होमदेशआसाराम पर वृत्तचित्र: न्यायालय ने धमकियां मिलने पर डिस्कवरी के अधिकारियों को दी अंतरिम पुलिस सुरक्षा

आसाराम पर वृत्तचित्र: न्यायालय ने धमकियां मिलने पर डिस्कवरी के अधिकारियों को दी अंतरिम पुलिस सुरक्षा

Text Size:

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने वृत्तचित्र श्रृंखला ‘‘कल्ट ऑफ फियर: आसाराम बापू’’ की रिलीज के बाद प्रवचनकर्ता आसाराम बापू के अनुयायियों द्वारा धमकियां दिये जाने का एक याचिका में आरोप लगाये जाने को लेकर बृहस्पतिवार को ‘डिस्कवरी कम्युनिकेशंस इंडिया’ के अधिकारियों को अंतरिम पुलिस सुरक्षा प्रदान की।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने केंद्र और महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया तथा उन्हें याचिकाकर्ता शशांक वालिया और अन्य के कार्यालयों के अलावा उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने कहा, ‘‘3 मार्च 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में नोटिस का जवाब दिया जाए। इस बीच, हम पुलिस अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता कार्यालय का उपयोग कर सकें और याचिकाकर्ताओं को शारीरिक चोट पहुंचाने संबंधी कोई धमकी न दी जाए।’’

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव मुखर्जी ने कहा कि ‘डिस्कवरी कम्युनिकेशंस इंडिया’ के अधिकारियों को आसाराम के अनुयायियों से धमकियां मिल रही हैं और उनके (अधिकारियों के) लिए देश में निर्बाध रूप से यात्रा करना मुश्किल हो गया है।

शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि 30 जनवरी 2025 को डिस्कवरी के मुंबई कार्यालय के बाहर भीड़ एकत्र हो गई और अनधिकृत रूप से प्रवेश करने का प्रयास किया।

याचिका में कहा गया है कि हालांकि, पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

याचिका में कहा गया है, ‘‘रिलीज के बाद, आसाराम के समर्थकों/प्रशंसकों/अनुयायियों ने याचिकाकर्ताओं और उनके सहयोगियों तथा अन्य लोगों को धमकियां दी हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(ए) और (जी) तथा 21 के तहत प्रदत्त उनके मूल अधिकारों का हनन है।’’

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं और उनके सहकर्मियों को लगातार धमकियां मिल रही हैं, जिस कारण डिस्कवरी को कर्मचारियों की सुरक्षा के लिहाज से उन्हें घर से काम करने को कहना पड़ा है।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments