देहरादून, पांच फरवरी (भाषा) योगासन और मल्लखंभ उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में अब सिर्फ प्रदर्शनी खेल नहीं रह गए हैं बल्कि इनमें पदक भी दिए जाएंगे। यह फैसला आयोजकों के अनुरोध पर लिया गया है और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एक सूत्र ने बुधवार को पीटीआई को इसकी पुष्टि की।
आईओए ने 28 जनवरी से शुरू हुए इस बहु खेल आयोजन की शुरुआत से पहले दोनों खेलों को प्रदर्शनी खेलों के रूप में वर्गीकृत किया था।
पिछले साल दिसंबर में आईओए ने कहा था कि उत्तराखंड (28 जनवरी से 14 फरवरी) में 38वें राष्ट्रीय खेलों में 32 मुख्य और चार प्रदर्शनी खेल शामिल होंगे जो योगासन, मल्लखंभ, कलारीपयट्टू और राफ्टिंग होंगे।
बुधवार को हालांकि आयोजकों ने एक विज्ञप्ति जारी की जिसमें योगासन और मल्लखंभ को पदक खेलों के रूप में जोड़ा गया।
इस कदम का मतलब है कि राष्ट्रीय खेलों में अब 34 खेलों और दो प्रदर्शनी खेलों में प्रतिस्पर्धा होगी। केरल में उत्पन्न मार्शल आर्ट का एक रूप कलारीपयट्टू और उत्तराखंड के ऋषिकेश में मशहूर राफ्टिंग प्रदर्शनी खेल (गैर-पदक) बने रहेंगे।
आईओए के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘हां, उनकी (योगासन और मल्लखंभ) आईओए द्वारा पदक खेलों के रूप में पुष्टि की गई है क्योंकि मेजबान (राज्य) को दो खेलों (पदक खेलों के रूप में) का अनुरोध करने का अधिकार है।’’
भाषा सुधीर नमिता
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