नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक महाकुंभ में शामिल होने के लिए भारत की विशेष यात्रा पर हैं और यह दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी को समाप्त होगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक महाकुंभ में शामिल होने के लिए भारत की विशेष यात्रा पर आए।’’
इसमें कहा गया है कि भूटान नरेश की यात्रा के दौरान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वांगचुक से मुलाकात की और उनके साथ प्रयागराज भी गये।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भूटान नरेश वांगचुक सोमवार को महाकुंभ में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे थे।
उन्होंने मंगलवार को महाकुंभ में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और भूटान के बीच घनिष्ठ और सहयोगपूर्ण संबंध हैं, जो आपसी समझ और विश्वास पर आधारित हैं। भूटान नरेश की यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है।’’
भूटान नरेश और महारानी ने दिसंबर 2024 में दिल्ली की यात्रा पर आए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले विदेशी नेता हैं, जिन्हें भूटान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया था।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप
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