नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) चार यूरोपीय देशों के ब्लॉक यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (ईएफटीए) और इज़राइल के निवेशकों का एक बड़ा दल कारोबार के अवसरों की तलाश के लिए अगले सप्ताह भारत आ रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य आइसलैंड, लीश्टेंसटाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं।
ईएफटीए सदस्य देशों के 100 से अधिक निवेशकों की भारत यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने 10 मार्च, 2024 को भारत के साथ व्यापार व आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत को समझौते के तहत समूह से 15 वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है, जबकि स्विट्जरलैंड की घड़ियों, चॉकलेट और कटे व पॉलिश किए गए हीरों जैसे कई उत्पादों तक कम या शून्य शुल्क तक पहुंच है।
समझौते के इस वर्ष के अंत तक लागू होने की उम्मीद है।
गोयल ने कहा कि ईएफटीए के प्रतिनिधि 100 से अधिक निवेशकों के साथ आ रहे हैं। इज़राइल से 200 से अधिक निवेशकों के आने की उम्मीद है। उनकी तीन दिवसीय यात्रा 10 फरवरी से शुरू होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ बड़ी कंपनियां आ रही हैं। प्रौद्योगिकी और विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने में रुचि रखने वाले लोग आ रहे हैं।’’
ईएफटीए ब्लॉक ने 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जाहिर की है। समझौते के लागू होने के बाद 10 साल के भीतर 50 अरब अमेरिकी डॉलर तथा इसके अगले पांच साल में 50 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया जाएगा जिससे भारत में एक करोड़ प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
भारत ने पहली बार किसी किसी व्यापार समझौते में ऐसी शर्तों पर सहमति व्यक्त की है।
ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं। यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और उसे बढ़ाने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे।
भारत 27 देशों के समूह ईयू के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर अलग से बातचीत कर रहा है।
भारत-ईएफटीए का द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में करीब 24 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि 2022-23 में यह 18.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था।
स्विटजरलैंड, भारत में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार व निवेशक है। इसके बाद नॉर्वे का स्थान आता है। अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 के दौरान भारत को स्विटजरलैंड से 10.72 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला था।
दूसरी ओर, भारत और इज़राइल के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 10.77 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 6.53 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया है।
भाषा निहारिका अजय
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