नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) उद्योग जगत के लोगों ने शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 की कृषि पहल का स्वागत किया है। उन्होंने विशेष रूप से प्रौद्योगिकी एकीकरण और बीज विकास पर सरकार के जोर की सराहना की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्र-विशिष्ट मांगें अब भी अनसुलझी हैं।
बजट का कृषि प्रारूप, जो इस क्षेत्र को प्राथमिक विकास इंजन बनाने पर केंद्रित है, ने आयात निर्भरता को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केन्द्रित करने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त की हैं।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने बयान में कहा, ‘‘सरकार अर्थव्यवस्था के विकास इंजन के रूप में कृषि पर ध्यान केंद्रित कर रही है और खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने का लक्ष्य बना रही है।’’
उन्होंने तिलहन विकास कार्यक्रम के लिए कम से कम 5,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वार्षिक आवंटन की उम्मीद जताई।
हालांकि, कुछ अन्य ने बजट प्रावधानों में खामियों की ओर इशारा किया। भारतीय बीज उद्योग महासंघ (एफएसएसआईआई) के अध्यक्ष अजय राणा ने उच्च उपज वाले बीजों और कपास उत्पादकता को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ‘‘कुछ दीर्घकालिक चिंताएं अभी भी अनसुलझी हैं।’’
उन्होंने निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास व्यय के लिए 200 प्रतिशत आयकर कटौती को फिर से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कम उत्पादकता वाले जिलों को लक्षित करने वाली प्रधानमंत्री कृषि योजना को उद्योग के अधिकारियों से विशेष सराहना मिली।
अदाणी विल्मर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंगशु मलिक ने इसे ‘‘एक प्रगतिशील कदम बताया जो न केवल कृषि आय को बढ़ावा देगा बल्कि खाद्य तेलों और खाद्य प्रसंस्करण जैसे संबद्ध क्षेत्रों के विकास का भी समर्थन करेगा।’’
बेयर क्रॉपसाइंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ साइमन वीबुश ने प्रतिकूल जलवायु-सहिष्णु फसलों और उच्च उपज वाले बीजों के लिए समर्पित मिशनों पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘गारंटीकृत खरीद से तिलहन और दलहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।’’
सिंजेंटा इंडिया के कंट्री प्रमुख और प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि बजट भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक परिवर्तनकारी रूपरेखा प्रस्तुत करता है।
बजट में तकनीकी एकीकरण पर जोर दिए जाने पर क्रॉपलाइफ इंडिया के चेयरमैन अंकुर अग्रवाल ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिन्होंने ‘‘ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित दृष्टिकोण’’ की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि ये पहल ड्रोन और सटीक कृषि सहित आधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देंगी।
गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बलराम सिंह यादव, हेरिटेज फूड्स की कार्यकारी निदेशक ब्रह्माणी नारा, एमसीएक्स की एमडी और सीईओ प्रवीणा राय, एसएलसीएम समूह के सीईओ संदीप सभरवाल, समुन्नति के संस्थापक और प्रबंध निदेशक अनिल कुमार एसजी ने बजट की सराहना की।
गुड फूड इंस्टिट्यूट इंडिया की प्रबंध निदेशक स्नेहा सिंह, बेस्ट एग्रोलाइफ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विमल कुमार अलावाधी और नेटरवाला समूह के अध्यक्ष (ग्लोबल मेटलर्जी बिजनेस) कुलदीप भान ने भी बजट प्रस्तावों का स्वागत किया।
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