नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को फरवरी 2020 के दंगों के आरोपी शफा उर रहमान को आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने और प्रचार करने के लिए पांच दिन की ‘कस्टडी पैरोल’ दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दिये जाने के अनुरोध संबंधी रहमान की याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति बाजपेयी ने सुरक्षा व्यय के रूप में 2.07 लाख रुपये जमा करने पर 30 जनवरी से तीन फरवरी तक प्रतिदिन 12 घंटे के लिए उनकी रिहाई का निर्देश दिया।
‘कस्टडी पैराल’ के दौरान आरोपी अत्यावश्यक कारणों से जेल से बाहर तो आता है लेकिन वह हमेशा पुलिस की हिरासत में ही होता है।
अदालत ने कहा, ‘‘हालांकि वर्तमान मामला और वह मामला जिसमें सह-अभियुक्त मोहम्मद ताहिर हुसैन को उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘कस्टडी पैरोल’ दी गई है, दोनों बिल्कुल अलग-अलग हैं। फिर भी जब उच्चतम न्यायालय ने सह-अभियुक्त की अंतरिम जमानत अस्वीकार कर दी है और उसे केवल ‘कस्टडी पैरोल’ दी है, तो इस न्यायालय को भी उसी का अनुसरण करना चाहिए।’’
एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे रहमान को यह भी आदेश दिया गया कि वह अपने प्रचार अभियान, भाषण या संवाददाता सम्मेलनों में अपने लंबित मामलों पर कोई टिप्पणी न करें।
असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में रहमान को ओखला निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा जबकि आठ फरवरी को मतगणना की जाएगी।
रहमान और कई अन्य लोगों पर फरवरी 2020 के दंगों की ‘‘व्यापक साजिश’’ के कथित ‘‘साजिशकर्ता’’ होने के लिए आईपीसी के अलावा कड़े यूएपीए प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश
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