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Tuesday, 4 February, 2025
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योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में कैबिनेट बैठक कर दिखायी गठबंधन की एकजुटता

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महाकुंभ नगर, 22 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रयागराज महाकुंभ में मंत्रिमंडल की बैठक करके और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी दलों के मंत्रियों के साथ गंगा में डुबकी लगाकर विपक्ष के इस आरोप को चतुराई से खारिज करने की कोशिश की कि भाजपा के सहयोगी दल उससे अलग हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक करने के बाद उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक तथा अन्य मंत्रियों के साथ बैठक में लिये गये फैसलों पर संवाददाताओं को संबोधित किया।

बाद में आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ फोटो खिंचाई और अचानक उन्होंने राजग के सहयोगी दलों के नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों अपना दल (सोनेलाल) के नेता आशीष पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद को बुलाया।

उन्होंने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष पटेल को बुलाते हुए कहा, ”अरे, कहां पीछे छुपे हैं आशीष पटेल जी?”

आदित्यनाथ की यह बात खासतौर पर इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि पटेल ने हाल ही में कई बार वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था।

राजग के एक अन्य सहयोगी दल निषाद पार्टी के नेता और प्रदेश के काबीना मंत्री संजय निषाद पिछले साल 20 नवंबर को हुए उपचुनाव में कटेहरी विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहते थे लेकिन भाजपा द्वारा इस सीट पर अपना प्रत्याशी उतारे जाने से वह कथित रूप से नाराज थे।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ सहयोगी और प्रदेश के अल्पसंख्यक एवं पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भी अहमियत दी गई।

मुख्यमंत्री पिछड़े वर्गों के एक अन्य मंत्री अनिल राजभर का भी जिक्र करना नहीं भूले जो पूर्व में ओम प्रकाश राजभर की आलोचना करते रहे हैं।

आदित्यनाथ ने अपनी पार्टी के नेता और वाराणसी से विधायक अनिल राजभर को पुकारते हुए कहा, ”अनिल कहां हैं, अनिल।”

भाजपा की तीनों सहयोगी पार्टियां– अपना दल (सोनेलाल), निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी– प्रदेश में राजनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं। मुख्यमंत्री का इन पार्टियों के मंत्रियों को तवज्जो देना और भी ज्यादा अहम है क्योंकि भाजपा पांच फरवरी को अयोध्या में महत्वपूर्ण मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए तैयार है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा के अन्य पिछड़े वर्गों के सहयोगी राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की एकजुटता के जरिये खुद को मजबूत करने के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने ‘पीटीआई—भाषा’ से कहा, ”मुख्यमंत्री ने बस यह दिखाया कि भाजपा गठबंधन धर्म निभाने में विश्वास करती है। गठबंधन के सहयोगियों को खो देने वाली समाजवादी पार्टी या कांग्रेस के विपरीत भाजपा चाहे उत्तर प्रदेश में हो या केंद्र में, अपने सहयोगियों को जोड़ रही है क्योंकि हम समावेशी राजनीति में विश्वास करते हैं।”

समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाकुंभ में कैबिनेट बैठक आयोजित करने पर भाजपा की आलोचना की जिसे भाजपा ने ‘निराधार’ बताकर खारिज कर दिया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के फैसले की आलोचना की। उन्होंने स्थल पर कैबिनेट बैठक को ‘राजनीतिक संदेश के साथ एक राजनीतिक कदम’ करार दिया।

यादव ने बुधवार को लखनऊ में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ”कुंभ और संगम राजनीतिक आयोजन करने या निर्णय लेने की जगह नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के सदस्य भी गंगा स्नान जैसे अनुष्ठानों में भाग लेते हैं, लेकिन उनका प्रचार करने से बचते हैं।

यादव ने मिल्कीपुर में पार्टी की संभावनाओं पर भरोसा जताते हुए दावा किया कि पीडीए का समर्थन जीत सुनिश्चित करेगा।

भाषा मनीष सलीम नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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