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Wednesday, 22 January, 2025
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टोरेस घोटाला: उच्च न्यायालय ने पुलिस की की खिंचाई, कहा: किसी ने भी तत्परता से कार्रवाई नहीं की

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मुंबई, 22 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि टोरेस निवेश घोटाले में त्वरित कार्रवाई करने में विफल रहकर पुलिस अधिकारियों ने अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा, ‘‘किसी ने भी तत्परता से कार्रवाई नहीं की है।’’

खंडपीठ ने कहा कि पुलिस को ‘जो कुछ हो रहा है उसके प्रति सजग रहने’ तथा त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि आम लोगों को अपनी मेहनत की कमाई न गंवानी पड़े।

उच्च न्यायालय ने कुछ ऐसी व्यवस्था करने को भी कहा ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सके।

टोरेस ब्रांड नाम से धंधा करने वाली इस आभूषण कंपनी पर पोंजी और ‘मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम)’ योजनाओं के माध्यम से निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में अबतक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें दो विदेशी नागरिक हैं।

शहर के ‘चार्टर्ड अकाउंटेंट’ अभिषेक गुप्ता ने पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दावा किया था कि वह इस मामले में भंडाफोड़ करने वाले शख्स हैं, ऐसे में उन्हें पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करायी जाए।

पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय ने पुलिस से गुप्ता को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था एवं इस मामले की जा रही जांच का ब्योरा मांगा था।

सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने बुधवार को हाईकोर्ट में जांच रिपोर्ट पेश की।

उन्होंने खंडपीठ को बताया कि मामले में वांछित 12 आरोपियों में से आठ 30 दिसंबर 2024 से पहले देश छोड़कर चले गए। इन आठ आरोपियों में से सात यूक्रेनी नागरिक हैं जबकि एक भारतीय है।

वेनेगांवकर ने कहा, ‘‘पुलिस को अब तक उनके ठिकानों और उनकी यात्रा के इतिहास के बारे में पता है। उचित कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि नवी मुंबई पुलिस गुचपुप तरीके से अक्टूबर 2024 से इस घोटाले की जांच कर रही है।

खंडपीठ ने तब कहा कि अगर (घोटाले की) जानकारी उपलब्ध थी, तो तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह के बाद के लिए स्थगित कर दी।

अधिकारियों के अनुसार 3700 से अधिक निवेशकों ने उनके साथ 57 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी किये जाने की पुलिस से शिकायत की है।

शिकायतकर्ताओं के अनुसार, ‘टोरेस’ आभूषण ब्रांड के स्वामित्व वाली निजी फर्म ने निवेश पर आकर्षक रिटर्न का वादा करके उन्हें धोखा दिया।

भाषा राजकुमार रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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