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Tuesday, 21 January, 2025
होमदेशआरजी कर मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर ममता ने निराशा व्यक्त की

आरजी कर मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर ममता ने निराशा व्यक्त की

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कोलकाता, 21 जनवरी (भाषा) कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के एकमात्र दोषी संजय रॉय को सियालदह अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के आदेश को लेकर पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निराशा व्यक्त की।

सियालदह अदालत ने रॉय को राज्य द्वारा संचालित आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने मृत्युदंड के अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ अपराध नहीं है।

मालदा में एक जनसभा में उन्होंने कहा, ‘‘मैं आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक की मौत के मामले में आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग करती आ रही हूं। अगर कोई इतना राक्षसी और बर्बर है, तो समाज मानवीय कैसे रह सकता है? हमने अपराजिता विधेयक पारित किया है, लेकिन केंद्र उसे लटकाए हुए है।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘अगर किसी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो वह व्यक्ति पैरोल पर रिहा हो सकता है। मैं अधिवक्ता रहीं हूं और मैने कई मामले लड़े हैं। सियालदह अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है और मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। अगर यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला नहीं है तो और क्या है।’’

सितंबर 2024 में पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित अपराजिता विधेयक का उद्देश्य दुष्कर्म और अन्य यौन अपराधों के लिए सजा को मृत्युदंड एवं आजीवन कारावास तक बढ़ाना है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह दुर्लभ, संवेदनशील और आरोपी द्वारा किया गया जघन्य अपराध है।’’

बनर्जी ने सोमवार को सियालदह अदालत के आदेश पर असंतोष व्यक्त किया था और दावा किया था कि राज्य पुलिस से जबरन जांच छीन ली गई। उन्होंने कहा कि अगर राज्य पुलिस के पास जांच होती तो वे मौत की सजा दिलाते।

बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बनर्जी ने पोस्ट किया कि राज्य सरकार सियालदह अदालत के फैसले को चुनौती देगी और कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।

इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सियालदह अदालत के उस आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दे दी, जिसमें दोषी रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने मामले में एकमात्र दोषी रॉय को मृत्युदंड देने के अनुरोध को लेकर न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की।

भाषा यासिर वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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