बरेली (उप्र) 21 जनवरी (भाषा) बरेली जिले की एक अदालत ने सात वर्षीय नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म मामले के आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। एक अधिवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह मामला करीब पांच साल पुराना है।
विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो अधिनियम) राजीव तिवारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में खेत पर ताऊ-ताई को खाना देने जा रही सात साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोपी झब्बू को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) उमाशंकर कहार की अदालत ने सोमवार को दोषी करार देते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई और साथ ही, 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला में कराई गई जांच में पीड़िता की फ्रॉक पर अभियुक्त का वीर्य पाया गया था। तिवारी ने बताया कि दुष्कर्म की घटना छह अप्रैल 2020 में थाना हाफिजगंज के एक गांव की है।
उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट थाना हाफिजगंज में दुष्कर्म की धारा और पाक्सो अधिनियम के तहत दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी झब्बू (24) को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया।
अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह और 15 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। अदालत ने झब्बू को दोषी पाते हुए 20 साल कैद की सजा सुनाई और साथ ही, 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि पीड़िता की मां ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी सात वर्षीय बेटी सुबह नौ बजे खेत पर अपने छोटे भाई बहनों के साथ ताऊ-ताई को खाना देने जा रही थी। रास्ते में झब्बू ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान अन्य बच्चे वहां से भागकर सूचना देने घर पहुंचे। परिजन घटनास्थल पर पहुंचे तो झब्बू बच्ची का गला दबा रहा था। परिजनों को देखकर वह भाग गया।
इसके बाद पुलिस कार्रवाई हुई और सोमवार को सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने सजा सुनाई।
भाषा सं आनन्द मनीषा
मनीषा
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