चेन्नई, 20 जनवरी (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने गौमूत्र में औषधीय गुण होने का दावा कर विवाद खड़ा करने के बाद सोमवार को यह भी दावा किया कि अमेरिका की शीर्ष पत्रिकाओं ने इस आशय के वैज्ञानिक प्रमाणों पर अनुसंधान पत्र प्रकाशित किए हैं।
कामकोटि ने अपनी हालिया टिप्पणियों को उचित ठहराते हुए कहा कि गौमूत्र में जीवाणुरोधी, कवकरोधी और सूजनरोधी गुण होते हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है। अमेरिका की पत्रिकाओं ने वैज्ञानिक साक्ष्य प्रकाशित किए हैं।’’
कामकोटि ने पोंगल उत्सव के दौरान की गई विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके औषधीय गुणों के कारण गौमूत्र ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है।
गायों को समर्पित मट्टू पोंगल (15 जनवरी) पर ‘‘गो संरक्षण शाला’’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कामकोटि ने कथित तौर पर कहा कि गोमूत्र में जीवाणुरोधी और कवकरोधी गुण होते हैं और यह ‘इरिटेबल बॉउल सिंड्रोम’ सहित कई बीमारियों को ठीक कर सकता है।
कामकोटि की यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई थी और विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने उनके बयान की आलोचना की।
उन्होंने जून 2021 में वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित लेख साझा किए, जिसमें राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र और ‘सेल बायोलॉजी एवं प्रोटिओमिक्स लैब’ से जुड़े वैज्ञानिकों ने गोमूत्र के गुणों संबंधी जानकारी प्रकाशित की गई थी।
अनुसंधानकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि गौमूत्र में हजारों ‘पेप्टाइड्स’ की खोज, मूत्र से जुड़ी विभिन्न जैव गतिविधियों में योगदान देती है।
भाषा धीरज माधव
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