नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) अमेरिका के निवर्तमान राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच ‘‘सम्मोहक एवं परिणामकारी’’ साझेदारी को नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
मोदी से मुलाकात के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘एक पीढ़ी पहले जो अकल्पनीय लगता था, वह अब से एक पीढ़ी बाद अति आवश्यक लगेगा। दोनों नेताओं और हमारे देशों के लोगों के कामकाज को धन्यवाद।’’
एक भावनात्मक लघु वीडियो में, निवर्तमान अमेरिकी राजदूत ने भारत को अपना ‘‘दूसरा घर’’ बताया और कहा कि वह भविष्य के लिए अमेरिका-भारत साझेदारी के समर्थक और ‘आजीवन’ मित्र के रूप में जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध ‘सचमुच सदियों से चली आ रही प्रेम की कहानी है’ और ‘हम अभी शुरुआत ही कर रहे हैं’।
गार्सेटी ने वीडियो में कहा, ‘‘मैं दुनिया के सबसे मेहमान नवाज़ लोगों को कैसे धन्यवाद कहूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों की दोस्ती और ज़िंदादिली ने मुझे हर दिन छुआ है। आपके त्योहार, आपका संगीत, आपकी कला, आपका भोजन – सभी ने मेरी आत्मा पर एक अमिट छाप छोड़ी है।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा राजनीतिक रूप से नियुक्त गार्सेटी राजदूत के पद से हट रहे हैं, जिससे ट्रम्प प्रशासन के लिए नयी दिल्ली में नया दूत नियुक्त करने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
उन्होंने मई, 2023 में भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में कार्यभार संभाला था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा अमेरिका से बहुत प्यार करूंगा, जहां मैं पैदा हुआ था, लेकिन भारत एक ऐसी जगह है, जहां मैंने जीवन को पूरे रंग में जीना सीखा है- एक ऐसी जगह जहां मानवता हमारे अतीत को समझ सकती है, और हमारे भविष्य की झलक देख सकती है।’’
उन्होंने वीडियो में कहा, ‘‘हमारा रिश्ता, वास्तव में सदियों से चली आ रही प्रेम की एक स्थायी कहानी है, और हम अभी शुरुआत कर रहे हैं।’’
उन्होंने अंत में कहा, ‘‘पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।’’
गार्सेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी अंतिम मुलाकात बहुत अच्छी रही।
उन्होंने वीडियो में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के साथ मेरी और मेरे परिवार की आखिरी मुलाकात बहुत अच्छी रही ।’’
वीडियो के साथ कैप्शन में गार्सेटी ने भारत को अपना ‘दूसरा घर’ करार दिया ।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं एक राजदूत से बढ़कर एक – मैं भारत और अमेरिका के भविष्य के साझेदारी के समर्थक और आजीवन मित्र बनकर जा रहा हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्यारे भारत : आप न केवल अविश्वसनीय हैं, बल्कि अविस्मरणीय भी हैं।’’
भाषा रंजन सुरेश
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