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Friday, 17 January, 2025
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ईडी ने पीएमएलए के मामले में वाटिका लिमिटेड की 68 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

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नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा)प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बताया कि उसने गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट समूह वाटिका लिमिटेड की 68 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।

संघीय एजेंसी ने बताया कि कंपनी की भावी परियोजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों से की गई कथित धोखाधाड़ी के मामले में धनशोधन के आरोप की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई है।

एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में बताया कि धन शोधन की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा 2021 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर की गई है। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी कंपनी, उसके प्रवर्तकों अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी से निर्दोष निवेशकों/खरीदारों को लुभाने के अपराधों से संबंधित है।

ईडी ने बताया कि वाटिका लिमिटेड से संबंधित ‘बिल्डर-निवेशक’ मामले में 68.59 करोड़ रुपये मूल्य की 27.36 एकड़ कृषि भूमि सहित नौ अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए बृहस्पतिवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया।

इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया के लिए कंपनी से संपर्क नहीं किया जा सका।

ईडी ने दावा किया कि उसकी जांच में पाया गया कि वाटिका लिमिटेड ने निवेशकों को भविष्य की परियोजनाओं में निवेश के लिए ‘प्रलोभन’ दिया जिनमें परियोजनाओं के पूरा होने तक निश्चित आय और कार्य होने के बाद संपत्ति को किराए पर देने से होने वाली आय जैसे ‘‘उच्च मूल्य’’ की कमाई का लालच दिया गया।

एजेंसी ने बताया लेकिन बीच में ही कंपनी ने निश्चित आय का भुगतान करना बंद कर दिया और संबंधित इकाइयों को नहीं सौंपा, जिससे आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी आदि के अपराध हुए।

ईडी के मुताबिक 600 से अधिक निवेशकों ने कंपनी की चार परियोजनाओं में लगभग 248 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इनमें गुरुग्राम में वाटिका इंटेक्स सिटी सेंटर टॉवर डी, ई और एफ, फरीदाबाद में वाटिका माइंडस्केप्स टॉवर-सी, गुरुग्राम में वाटिका टावर्स (टॉवर-सी) और गुरुग्राम में वाटिका हाई स्ट्रीट (वी लांटे का हिस्सा) शामिल हैं।

ईडी ने बताया, ‘‘कई सालों (कुछ मामलों में 8 से 12 वर्ष) के बाद भी, ये परियोजनाएं या तो पूरी नहीं हुई हैं या कंपनी द्वारा स्थगित कर दी गई हैं और आज तक कंपनी द्वारा कोई हस्तांतरण विलेख निष्पादित नहीं किया गया है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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