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Friday, 10 January, 2025
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यौन उत्पीड़न मामला: केरल उच्च न्यायालय ने जौहरी की जमानत याचिका पर सुनवाई 14 जनवरी तक टाली

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कोच्चि, 10 जनवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के मामले में प्रमुख व्यवसायी बॉबी चेम्मनूर द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार को 14 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

चेम्मनूर को एक मलयालम अभिनेत्री द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार किया गया था।

यहां जिला जेल में बंद चेम्मनूर ने तब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जब एर्नाकुलम न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वितीय ने बृहस्पतिवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पी वी कुन्हिकृष्णन ने कहा कि चेम्मनूर के मामले में कोई विशेष विचार नहीं किया जा सकता।

अदालत ने कहा कि सार्वजनिक टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अदालत ने कुछ टिप्पणियों को ‘‘अपमानजनक’’ बताया। इसके बाद चेम्मनूर के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह (चेम्मनूर) अनावश्यक टिप्पणी करने से बचेंगे।

चेम्मनूर द्वारा अदालत के समक्ष दायर याचिका में कहा गया है कि आरोप एक फिल्म अभिनेत्री द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से सामने आये हैं।

इसमें कहा गया है कि अभिनेत्री ने पहले मुख्य अतिथि के रूप में उनके व्यापार समूह से संबंधित तीन आभूषण दुकानों का क्रमश: अप्रैल 2019 में पेरम्बरा में, दिसंबर 2022 में अट्टिंगल में और अगस्त 2024 में कन्नूर में उद्घाटन किया था।

अभिनेत्री की शिकायत के अनुसार, निमंत्रण पर उन्होंने सात अगस्त, 2024 को अलाकोड, कन्नूर में ‘चेम्मनूर इंटरनेशनल ज्वैलरी शोरूम’ का उद्घाटन किया था, जहां हजारों लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए एकत्र हुए थे।

शिकायत में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह के दौरान, चेम्मनूर ने अभिनेत्री के गले में हार डाला और उनका यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।

हालांकि, चेम्मनूर की जमानत याचिका में कहा गया है कि वह पूरी तरह निर्दोष हैं और उन्होंने आरोपों को झूठा, निराधार और गलत बताते हुए उन्हें नकार दिया है।

चेम्मनूर द्वारा दायर याचिका में उनकी गिरफ्तारी में अनावश्यक जल्दबाजी किये जाने का भी आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों को उस थाने से 250 किलोमीटर दूर भेजा गया जहां प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इसमें कहा गया है कि यह कार्रवाई प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद और मजिस्ट्रेट द्वारा शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किए जाने से भी पहले की गई।

याचिका में दावा किया गया है कि गिरफ्तारी पूछताछ के लिए नहीं की गई थी, बल्कि अप्रासंगिक कारणों से की गई है।

भाषा

देवेंद्र अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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