भुवनेश्वर, 10 जनवरी (भाषा) अमेरिका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार सिंगसेट्टी (53) ने प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार के लिए चुने जाने पर खुशी जाहिर की है, जो उन्हें उनके गृह राज्य ओडिशा में प्रदान किया जाएगा।
रवि कुमार शुक्रवार को 18वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।
वह इस बात को लेकर बेहद खुश हैं कि उनकी 70 वर्षीय मां अपने बेटे को प्रवासी भारतीयों को उनके संबंधित क्षेत्रों में असाधारण योगदान और वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च पुरस्कार को ग्रहण करते हुए देख सकेंगी।
रवि कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा , ‘‘मुझे गर्व है और मैं वाकई बहुत खुश हूं कि मैं अपनी मातृभूमि पर अपनी मां के सामने यह पुरस्कार ग्रहण करूंगा। यह किसी प्रवासी भारतीय के लिए दुर्लभ अवसर है।’’
रवि कुमार उन 27 प्रवासी भारतीयों में शामिल हैं, जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
ओडिशा के गंजाम जिले के ब्रह्मपुर में एक साधारण परिवार में जन्मे रवि कुमार अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी कॉग्निजेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। वह किसी ‘फॉर्चून 200’ कंपनी के सीईओ पद तक पहुंचने वाले ओडिशा के पहले व्यक्ति हैं और सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में शामिल हैं।
शिवाजी विश्वविद्यालय से रसायन अभियांत्रिकी में स्नातक करने के बाद रवि कुमार ने भुवनेश्वर के ‘जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट’ से एमबीए किया। वह ओडिशा में पिछले कुछ दशकों में आए बदलावों के गवाह रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मेरा जन्म ओडिशा में हुआ था और मैंने पिछले कुछ दशकों में राज्य को बदलते देखा है। आधी सदी पहले, ओडिशा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि प्रधान थी। आज यह इस्पात, एल्युमीनियम, बिजली और आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) सेवाओं में अग्रणी है। इतना ही नहीं, भुवनेश्वर जैसे शहर आज नवाचार के केंद्र के रूप में उभर रहे हैं।”
इसी तरह, पिछले 33 वर्षों से ब्रिटेन के बाथ शहर में रह रहीं सुस्मिता राजहंस भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए ओडिशा आकर उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कारोबार ब्रिटेन में है। मैं ब्रिटेन और यूरोप में श्री जगन्नाथ संस्कृति का प्रचार करती हूं। …जब मैं ओडिशा और श्री जगन्नाथ धाम आती हूं, तो मुझे एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।’’
कतर की राजधानी और मुख्य वित्तीय केंद्र दोहा में रहने वाले अंशुमान महापात्र भी ओडिशा में हुए बदलावों को देखकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि वह बृहस्पतिवार को प्रवासी भारतीय दिवस-2025 के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से प्रभावित हुए।
महापात्र ने कहा, “हम निश्चित रूप से ‘मेक इन इंडिया’ उत्पादों का इस्तेमाल करेंगे, अपने घरों को भारतीय वस्तुओं से सजाएंगे और दोहा के लोगों को भारतीय वस्तुएं उपहार में देंगे।”
भाषा
राजकुमार पारुल
पारुल
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