नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ‘फ्लैट’ का कब्जा देने में विफल रहने वाले एक भवन कारोबारी को निर्देश दिए हैं कि वह संबंधित उपभोक्ता को करीब 2.93 करोड़ रुपये वापस करे।
आयोग ने भवन कारोबारी पर मानसिक उत्पीड़न के लिए पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आयोग की अध्यक्ष संगीता ढींगरा सहगल और न्यायिक सदस्य पिंकी ने शिकायत पर सुनवाई की। इस मामले में आरोप लगाया गया था कि ‘रियल एस्टेट कंपनी’ गुरुग्राम, परियोजना में तीन ‘फ्लैट’ का कब्जा देने में विफल रही।
शिकायत के अनुसार, खरीदार ने 2013 में फ्लैट के लिए लगभग 2.43 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
आयोग ने 19 दिसंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि न तो खरीदार को कब्जा दिया गया और न ही डेवलपर उन्हें कब्जा दिलाने की स्थिति में है।
आयोग ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि विपक्षी पक्ष 24 जुलाई 2013 को हुए प्रथम समझौता ज्ञापन (एमओयू) की तिथि से 11 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी संबंधित इकाइयों का कब्जा सौंपने में विफल रहा है। इसलिए, दोष साबित हो गया है।’’
इसने कहा कि शिकायतकर्ता को कब्जा लेने के लिए अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कराया जा सकता, क्योंकि निर्माण अभी भी अधूरा है।
आयोग ने भवन कारोबारी को लगभग 2.43 करोड़ रुपये शिकायतकर्ता को लौटाने के साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए पांच लाख रुपये, मुकदमेबाजी की लागत के रूप में 50 हजार रुपये अदा करने का निर्देश दिया।
भाषा यासिर नेत्रपाल
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