सीएसआर फंडिंग का नया नियम भारत को वापस इंस्पेक्टर राज में ले जा सकता है, जिसमें तीन साल के बाद खर्च न हुए फंड को सरकारी स्वामित्व वाले फंड में हस्तांतरित करने का प्रावधान है. मोदी सरकार को यूपीए सरकार के प्रावधान के उस तर्क का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए, जिसमें यह प्रावधान था कि कंपनियों को अपने मुनाफे का 2 प्रतिशत भाग अनिवार्य रूप से सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना था.
सिद्धार्थ की मौत परेशान करने वाले मसले को उजागर करती है – एजेंसियों की सतर्क भूमिका व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकती है
वी.जी. सिद्धार्थ की मौत को शॉकिंग कहना ही अपने आप में बहुत कुछ कह देता है. काफी परेशान करने वाले मुद्दे जो उन्हें निराशा की ओर ले गए. मोदी सरकार के अधीन प्रवर्तन एजेंसियां एक सतर्कता का स्टेटस मान बैठी हैं. जबकि उनकी एक वैध भूमिका है, भय का माहौल बनाना व्यापार आसान करने के लिहाज से विरोधी है.