scorecardresearch
Wednesday, 8 January, 2025
होमदेशवैष्णव अखाड़ों का कुम्भ क्षेत्र में हुआ भव्य छावनी प्रवेश

वैष्णव अखाड़ों का कुम्भ क्षेत्र में हुआ भव्य छावनी प्रवेश

Text Size:

महाकुम्भ नगर, आठ जनवरी (भाषा) त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से आयोजित होने जा रहे आस्था के जन समागम महाकुम्भ में सनातन धर्म के ध्वजवाहक अखाड़ों की दुनिया तेजी से विस्तार ले रही है। इसी क्रम में शैव उपासक संन्यासी अखाड़ों के छावनी क्षेत्र में प्रवेश के बाद बुधवार को विष्णु उपासक वैष्णव अखाड़ों का भी भव्य छावनी प्रवेश हुआ।

शहर के के पी ग्राउंड परिसर से तीनों वैष्णव अखाड़ों- पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा, पंच दिगंबर अनी अखाड़ा और पंच निर्मोही अनी अखाड़ा की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा प्रारंभ हुई।

तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य की अगुवाई में निकली इस प्रवेश यात्रा में 10,000 से अधिक वैष्णव उपासक संत शामिल हुए। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने कहा कि प्रवेश यात्रा में तीनों वैष्णव अखाड़ों के सौ से अधिक महामंडलेश्वरों और द्वाराचार्यों ने हिस्सा लिया।

तीनों वैष्णव अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा देखने के लिए शहर के मार्गों में दोनों तरफ हज़ारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा में सबसे आगे तीनों अखाड़ों के इष्ट भगवान हनुमान की धर्म ध्वजा और मूर्ति के बाद अखाड़ों के खालसों की रंग बिरंगी धर्म ध्वजा लहरा रही थी।

तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य के रथ के बाद बैंड बाजे के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की सवारी में सिंहासन में विराजमान संत चल रहे थे। इन सबके बीच वैष्णव अखाड़ों के संतों के युद्ध कला कौशल का प्रदर्शन सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला के संकल्प को दर्शाती इस युद्ध कला का प्रदर्शन कर रहे संतो पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई।

भाषा राजेंद्र

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments