नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में धारा 35ए हटाने की अफ़वाहों के बीच बीजेपी ने जम्मू कश्मीर संगठन के कोर ग्रुप की मंगलवार को बैठक बुलाई है पर राज्य के बीजेपी नेताओं के मुताबिक इस बैठक का एजेंडा नवंबर दिसंबर में होने वाला विधानसभा चुनाव है न कि धारा 35ए हटाने पर रायशुमारी करना. बीजेपी संगठन महासचिव अशोक कौल ने दप्रिंट से बातचीत में कहा कि बैठक का एजेंडा राज्य में आने वाले चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करना है और केन्द्रीय ईकाई को कोई निर्देश देना है तो वह हमें निश्चित ही देगी.
अमरनाथ यात्रा के बाद चुनाव आयोग कश्मीर में चुनाव की तैयारियों का जायज़ा लेने जम्मू कश्मीर के दौरे पर जाने वाला है. बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, बीजेपी महासचिव राममाधव और जम्मू कश्मीर संगठन के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना, महासचिव अशोक क़ौल सहित कोर ग्रुप के अन्य सदस्य शामिल होंगे.
बीजेपी महासचिव अशोक क़ौल के मुताबिक सदस्यता अभियान के तहत 10 लाख सदस्यों को बीजेपी की सदस्यता दिलाने का लक्ष्य हमने रखा है और इस बैठक में सदस्यता अभियान के बाद चुनावी दृष्टि से मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ जम्मू कश्मीर तक भी पहुंचे इसको लेकर कई कार्यक्रम शुरू करने की योजना है जिसमें पार्टी के केन्द्रीय मंत्री भी शामिल रहेंगे. इस कार्यक्रम को भी अंतिम स्वरूप देने को लेकर बैठक में बात होगी.
जम्मू कश्मीर में 10 हजार सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती के बाद अफ़वाहों का बाज़ार गर्म है कि सरकार कहीं धारा 35ए हटाने और परिसीमन के लिए आयोग बनाने की पहल तो नहीं करने जा रहीं है पर बीजेपी राज्य ईकाई के अध्यक्ष रवीन्द्र रैना कहते हैं कि हमने अपने घोषणापत्र में दो मांगें रखी हैं. राज्य में नए परिसीमन की मांग हम लंबे समय से कर रहे हैं पर यह होने में कई महीने का समय लगेगा लेकिन सरकार आयोग की घोषणा तो कर सकती है.
अगर लोकसभा चुनाव को पैमाना मानें तो बीजेपी ने जम्मू कश्मीर से तीन लोकसभा सीटें जीती हैं लेकिन वोट प्रतिशत की बात की जाय तो उसने नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस को मिलाकर मिले वोट से ज्यादा 46.4 मत प्रतिशत हासिल किए. घाटी की तीन सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीती है लेकिन एनसी को महज 7.89 प्रतिशत वोट मिले. लोकसभा के आंकड़े के मुताबिक बीजेपी की बढ़त 27-28 विधानसभा क्षेत्र में है. 2014 में बीजेपी को महज 23 प्रतिशत वोट मिले थे.
बीजेपी की नज़र आने वाले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ नेताओं पर है जो उसे घाटी में पैर बढ़ाने में मदद कर सकें. पीडीपी के दो राज्यसभा सांसदों पर भी उसकी नज़र है. कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के एजेंडे में सबसे ऊपर है और श्रीनगर दौरे के समय ही गृहमंत्री ने साफ़ कर दिया था वो कश्मीर में नए तरीके से पहल करना चाहते हैं जिसमें पंचायत प्रमुखों के ज़रिये सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाना और अलगाववादियों के खिलाफ बिना नरमी दिखाते हुए कड़ी कार्रवाई करना प्रमुख है.
जम्मू कश्मीर में पिछले साल पीडीपी सरकार से समर्थन वापसी के बाद राष्ट्रपति शासन लगा है और संसद में राष्ट्रपति शासन छह महीने बढ़ाने के समय संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस साल के अंत तक जम्मू कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होंगे और सरकार इसके लिए तैयार है.