लखनऊ: बीते रविवार उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता के संग हुए हादसे ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को फिर से चर्चा में ला दिया है. रायबरेली में पीड़िता की कार को ट्रक ने टक्कर मार दी. जिसमें उसके दो करीबी रिश्तेदारों की मौत हो गई. वहीं पीड़िता व उसका वकील लखनऊ के ट्रामा सेंटर में भर्ती है. पीड़िता की मां समेत अन्य रिश्तेदारों ने इस घटना में बीजेपी विधायक व उसके लोगों पर साजिश रचने का आरोप लगाया है. ऐसे में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिर चर्चा में आ गए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि सीएम योगी भी ठाकुर जाति के हैं, जिससे सेंगर हैं. यही वजह है कि उन्हें बचाया जा रहा है .
2017 से जेल में बंद है कुलदीप
बता दें कि कुलदीप सेंगर बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक हैं. इसी पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर ने उसके साथ 4 जून, 2017 को अपने आवास पर दुष्कर्म किया, जहां वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी मांगने के लिए गई थी. सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. शासन ने इस आदेश में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी, जिसे एजेंसी ने स्वीकार कर लिया था.
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कई दलों में रह चुके हैं सेंगर, कांग्रेस से शुरू की थी राजनीति फिर गए बसपा
कुलदीप सेंगर की उन्नाव की राजनीति में मजबूत पकड़ मानी जाती है. वह उन्नाव की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक बने. कुलदीप सिंह सेंगर ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी. साल 2002 में विधानसभा चुनाव आए, तो कुलदीप सिंह कांग्रेस का हाथ छोड़कर बसपा के साथ चल दिए. बाहुबली की छवि बनाने की वजह से 2007 से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. कुलदीप सिंह सेंगर ने सपा का दामन थामकर बांगरमऊ से जीत दर्ज की.
अनुशासनहीनता के चलते मायावती ने बाहर का रास्ता दिखाया. इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में चले गए. सपा ने उन्हें 2007 में टिकट दिया, जिसमें उन्हें जीत मिली. इसके बाद 2012 में सपा से मिले टिकट पर दोबारा जीतकर हैट्रिक मारी तब से वह सपा के धुरंधर नेताओं में गिने जाने लगे. फिर वह शिवपाल गुट के करीबी हो गए. 2017 चुनाव से पहले अखिलेश गुट बनाम शिवपाल गुट के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. सूत्रों की मानें तो बीजेपी के ठाकुर नेताओं से उनके अच्छे संबंध रहे हैं.
लोकसभा चुनाव लड़ने की थी प्लानिंग
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2017 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सेंगर ने 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी थी. बीजेपी जाॅइन करने के पीछे भी यही वजह थी. लेकिन रेप का आरोप लगने के बाद उनके अरमानों पर पानी फिर गया. सेंगर ठाकुर बिरादरी के नेता हैं और पीड़ित परिवार भी ठाकुर बिरादरी से ही हैं. सेंगर की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं, उनके भाई ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं. कहा जाता है कि सेंगर प्रदेश भर के ठाकुर नेताओं के भी करीबी हैं. बीजेपी ने इस फैक्टर को ध्यान में रखते हुए उन्हें शामिल किया था. सेंगर अभी बीजेपी के विधायक हैं. पार्टी की ओर से उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
यूपी में कुलदीप की छवि बाहुबली नेता की रही है. चुनावों का हिसाब किताब रखने वाली वेबसाइट माय नेता डाॅट इंफो के मुताबिक 2007 के हलफनामे में उनकी संपत्ति 36,23,144 रुपए थी जो 2012 में बढ़ कर 1,27,26,000 हो गई और 2017 में यह आंकडा 2,90,44,307 हो गया. 12वीं पास सेंगर पर एक आपराधिक मामला भी है.