नई दिल्ली: बिहार सरकार में प्रशासनिक पदों पर उम्मीदवारों की भर्ती के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित बिहार संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) के पहले चरण — 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर सैकड़ों एस्पिरेंट्स पटना के गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
20 दिसंबर से गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे छह छात्रों में से तीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
BPSC ने प्रश्नपत्र लीक का विरोध कर रहे छात्रों के आरोपों को “अफवाह” बताकर खारिज कर दिया, लेकिन एस्पिरेंट्स ने जोर देकर कहा कि उनके दावे वैध हैं.
बुधवार रात को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब पुलिस ने पटना में BPSC कार्यालय की ओर मार्च कर रहे एस्पिरेंट्स पर लाठीचार्ज किया. तीन प्रदर्शनकारियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया और कथित तौर पर लाठीचार्ज के परिणामस्वरूप लगभग 50 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए.
BPSC प्रीलिम्स परीक्षा में बैठने वाले एस्पिरेंट आशुतोष किशोर ने दिप्रिंट से कहा, “पुलिस ने छात्रों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया. महिला एस्पिरेंट्स के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया, पुलिस ने उनके पेट में मारा. सरकार को छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए.”
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग का समर्थन करने वाले शिक्षकों का हवाला देते हुए किशोर ने आरोप लगाया, “रोहित सर और रामान्शु सर पिछले 10 दिनों से हमारे साथ ज़मीन पर बैठे हैं. पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं और बाद में रात में सादे कपड़ों में आकर रोहित सर को हिरासत में ले लिया.”
18 दिसंबर को लगभग 700 छात्रों द्वारा शुरू किया गया विरोध प्रदर्शन मंगलवार रात को प्रीलिम्स परीक्षा में बैठने वाले एक एस्पिरेंट की आत्महत्या के बाद और तेज़ हो गया.
प्रदर्शनकारियों को बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली जन सुराज पार्टी के सदस्यों का भी समर्थन मिला है.
तेजस्वी ने एक्स पर एक पोस्ट में यह लिखकर राज्य सरकार की आलोचना की कि “मानसिक रूप से बीमार लोग राज्य चला रहे हैं”.
इस बीच, पटना सचिवालय-1 पुलिस स्टेशन की अनुमंडल पुलिस अधिकारी अनु कुमारी ने बुधवार को स्थानीय मीडिया को बताया कि कुछ लोग गर्दनीबाग में निर्धारित स्थल पर धरना दे रहे थे और प्रीलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे.
कुमारी ने कहा, “बुधवार, 25 दिसंबर को, जब प्रतिभागी गर्दनीबाग में निर्धारित विरोध स्थल से दूर नेहरू पथ पर बीपीएससी कार्यालय के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस गए, तो विरोध बढ़ गया. निर्धारित स्थल पर लौटने के बार-बार अनुरोध के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने इसका पालन नहीं किया. कुछ लोग प्रतिबंधित क्षेत्र में धरने पर बैठ गए और उन्हें हल्का बल प्रयोग करके हटा दिया गया. प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने, कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने, अफवाह फैलाने और दूसरों को भड़काने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.”
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पटना सेंटर पर फिर से परीक्षा
BPSC प्रीलिम्स परीक्षा 13 दिसंबर को बिहार भर के 912 सेंटर्स पर आयोजित की गई थी. हालांकि, मीडिया में ऐसी खबरें आईं कि बापू नगर सेंटर पर, जहां करीब 12,000 छात्रों ने परीक्षा दी, एक प्रश्नपत्र लीक हो गया.
प्रदर्शनकारी सुधांशु आनंद ने दिप्रिंट को बताया, “हमारे सेंटर पर प्रश्नपत्र देर से पहुंचा और जब हमें मिला तो वह फटा हुआ था. कई शिकायतों के बाद, बीपीएससी ने बापू नगर में 12,000 छात्रों की दोबारा से परीक्षा फिर से लेने का फैसला किया.”
उन्होंने दावा किया, “लेकिन प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर वायरल हो चुका था और इसके समर्थन में पर्याप्त सबूत हैं.”
दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीपीएससी ने 16 दिसंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें बापू नगर सेंटर पर परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए फिर से परीक्षा की घोषणा की गई, लेकिन, हज़ारों एस्पिरेंट्स सभी के लिए फिर से परीक्षा की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए.
किशोर ने कहा, “हमें विरोध प्रदर्शन शुरू किए करीब 10 दिन हो गए हैं. सरकार या अधिकारियों की ओर से कोई भी हमसे मिलने नहीं आया. जब हमने BPSC कार्यालय तक मार्च करने का फैसला किया, तो हमारा स्वागत लाठियों से किया गया.”
बुधवार को पूर्णिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने प्रारंभिक परीक्षा रद्द न किए जाने पर 1 जनवरी, 2025 को बिहार बंद का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, “मैं इस मामले की हाई कोर्ट की पीठ से जांच की मांग करता हूं.”
बढ़ते दबाव के बावजूद, BPSC ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका परीक्षा रद्द करने का कोई इरादा नहीं है. उसने कहा कि केवल बापू नगर सेंटर के एस्पिरेंट्स को फिर से परीक्षा देनी होगी, जो 4 जनवरी, 2025 को निर्धारित है.
इसके अलावा, BPSC ने पात्र एस्पिरेंट्स से अप्रैल 2025 के लिए संभावित रूप से निर्धारित बिहार CCE के अगले चरण की तैयारी करने का आग्रह किया है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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