नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) पेरिस ओलंपिक की दोहरी कांस्य पदक विजेता मनु भाकर ने खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं की सूची से उन्हें बाहर रखे जाने को लेकर उठे विवाद के बीच मंगलवार को स्वीकार किया कि इस साल के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए नामांकन दाखिल करते समय शायद उनकी ओर से कोई चूक हुई है।
पुरस्कार चयन समिति द्वारा उनके नाम की सिफारिश नहीं किए जाने के बाद खेल मंत्रालय को नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाना पड़ा था जिसके एक दिन बाद 22 वर्षीय स्टार पिस्टल निशानेबाज ने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।
मनु ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सबसे प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन को लेकर चल रहे मुद्दे के संबंध में मैं यह कहना चाहूंगी कि एक खिलाड़ी के रूप में मेरी भूमिका अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि नामांकन दाखिल करते समय शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है जिसे ठीक किया जा रहा है।’’
मनु ने कहा कि उनका लक्ष्य देश के लिए प्रदर्शन करना है, फिर चाहे उन्हें पुरस्कार मिले या नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘पुरस्कार और मान्यता मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन ये मेरा लक्ष्य नहीं हैं।’’
मनु ने कहा, ‘‘पुरस्कार मिले या नहीं, मैं अपने देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी। सभी से अनुरोध है कि कृपया इस पर अटकलें न लगाएं।’’
इससे पहले उनके निजी जसपाल राणा और पिता रामकिशन भाकर ने खेल मंत्रालय और चयन समिति पर उनकी शानदार उपलब्धियों के बावजूद उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
मनु ओलंपिक के एक ही सत्र में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी हैं।
उन्होंने पेरिस में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम (सरबजोत सिंह के साथ) स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीते।
भाषा सुधीर मोना
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