(शिल्पी पांडे)
नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) म्यूचुअल फंड उद्योग ने 2023 में शानदार प्रदर्शन के बाद 2024 में अपनी वृद्धि की गति को बनाए रखा और संपत्ति में 17 लाख करोड़ रुपये की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की। यह तेजी से बढ़ते शेयर बाजारों, मजबूत आर्थिक वृद्धि और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से प्रेरित रहा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सकारात्मक रुझान 2025 में भी जारी रहेगा।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के निदेशक-प्रबंधक अनुसंधान कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा, ‘‘ 2025 में म्यूचुअल फंड उद्योग की परिसंपत्तियों में स्वस्थ गति से वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती पहुंच के साथ, इक्विटी फंड में प्रवाह, विशेष रूप से व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से मजबूत रहने की संभावना है।’’
म्यूचुअल फंड उद्योग संघ (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का पर्याप्त शुद्ध प्रवाह देखा गया, साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि हुई। एसआईपी की लोकप्रियता बढ़ी जिसने अकेले 2.4 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया।
इस निवेश से उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) बढ़कर नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जो 2023 के अंत में दर्ज 50.78 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
बजाज फिनसर्व एएमसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गणेश मोहन ने कहा, ‘‘ वित्तीयकरण की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड में भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जैसा कि म्यूचुअल फंड उद्योग में एयूएम की उल्लेखनीय वृद्धि में परिलक्षित होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार और खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती वित्तीय जागरूकता से समर्थित है, जो कम लागत और अधिक सुविधा के साथ उच्च ‘रिटर्न’ की तलाश में हैं।’’
इस उद्योग की 45 कंपनियों में 2024 (नवंबर तक) में कुल 9.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ था। यह भारी निवेश इक्विटी फंड, आर्बिट्रेज फंड और इंडेक्स फंड और विनिमय-व्यापार फंड (ईटीएफ) में निवेशकों की निरंतर रुचि के दम पर मुमकिन हो पाया।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (सीबीओ) अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘ बचत के तरीके में संरचनात्मक बदलाव से इक्विटी फंडों में एसआईपी के माध्यम से निवेश प्रमुख भारतीय निवेशकों के लिए निवेश का स्वाभाविक स्वरूप बन गया है…।’’
वहीं आर्थिक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और कराधान मानदंडों में बदलाव के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षा की तलाश में सोने में निवेश में भी तेजी आई और 9,500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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