(अचिंत बोरा)
अंबासा (त्रिपुरा), 22 दिसंबर (भाषा) मिजोरम में 1990 के दशक के अंत और 2009 में जातीय हिंसा से प्रभावित 37,500 से अधिक ब्रू आदिवासियों का केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई 821 करोड़ रुपये की धनराशि से त्रिपुरा में पुनर्वास किया गया है। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा में इनमें से कुछ शरणार्थियों से मुलाकात की।
अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी, 2020 को केंद्र, त्रिपुरा, मिजोरम की सरकारों और ब्रू संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच त्रिपुरा में ब्रू प्रवासियों के स्थायी पुनर्वास के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
ब्रू (रियांग) जनजातियों में लगभग 70 प्रतिशत हिंदू हैं, जबकि शेष ईसाई हैं।
मिजोरम के तीन जिलों – ममित, लुंगलेई और कोलासिब जिलों से ब्रू प्रवासी 1997, 1998 और 2009 में मिजोरम में ब्रू और मिजो समुदायों के बीच गंभीर जातीय हिंसा के कारण उत्तरी त्रिपुरा आ गए थे।
ब्रू जनजातियों के लिए पुनर्वास कॉलोनियों की स्थापना के वास्ते त्रिपुरा में कुल 12 स्थानों की पहचान की गई है, जिनमें से नौ स्थान वन भूमि पर हैं और तीन स्थान सरकारी भूमि पर हैं। ये 12 चयनित स्थान उत्तर त्रिपुरा, धलाई, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा के चार जिलों में हैं। इन परिवारों को फिर से बसाने के लिए कुल 754 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि इन 12 चिह्नित स्थानों पर पुनर्वास कार्य जारी है।
उन्होंने कहा कि समझौते के तहत पुनर्वास के लिए परिवारों की अंतिम संख्या 6,935 है, जबकि आबादी 37,584 है।
अधिकारियों के अनुसार, इन परिवारों को 12 कॉलोनियों में बसाने के लिए कुल 821.98 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें से 793.65 करोड़ रुपये केंद्रीय गृह मंत्रालय और 28.34 करोड़ रुपये राज्य सरकार वहन कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि अब तक गृह मंत्रालय ने 693.13 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिनमें से 406.42 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत सीधे लाभार्थियों को दिए गए।
समझौते के तहत त्रिपुरा में पुनर्वासित किए जा रहे प्रत्येक परिवार के लिए एक व्यापक विकास पैकेज दिया गया है।
पुनर्वास पैकेज के अनुसार, प्रति परिवार 4,00,000 रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता दो साल के लिए सावधि जमा के रूप में दी जाती है।
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जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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