गुवाहाटी, 20 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस की असम इकाई के प्रमुख भूपेन कुमार बोरा समेत असम कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को पुलिस ने एक पार्टी कार्यकर्ता की मौत को लेकर निर्धारित ‘विरोध-प्रदर्शन’ के आयोजन से पहले ही शुक्रवार को हिरासत में ले लिया, जबकि कांग्रेस की युवा शाखा के राष्ट्रीय प्रमुख उदय भानु चिब को भी गुवाहाटी में ‘एहतियातन हिरासत’ में रखा गया।
हालांकि, विपक्षी दल ने कहा कि उसकी किसी आंदोलन की योजना नहीं थी और उसने अपने नेता मृदुल इस्लाम की याद में एक सर्व-धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया था। मृदुल इस्लाम की दो दिन पहले बुधवार को मणिपुर में अशांति और अदाणी समूह के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के आरोप समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर विरोध जताने के लिए ‘राजभवन चलो’ कार्यक्रम के दौरान मृत्यु हो गई थी।
यहां बृहस्पतिवार को पहुंचे भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिब को होटल में एहतियातन हिरासत में रखा गया, जबकि अन्य नेताओं को विभिन्न स्थानों से हिरासत में लिया गया क्योंकि वे एक पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जा रहे थे।
बोरा को शाम को हिरासत से रिहा कर दिया गया लेकिन कुछ ही मिनटों में उन्हें असम पुलिस की 10वीं बटालियन कार्यालय वापस ले जाया गया, लेकिन चिब अपने होटल में हिरासत में रहे।
‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बराह ने कहा, ‘‘युवा कांग्रेस ने ‘दिसपुर घेराव’ कार्यक्रम की योजना बनाई थी और चिब इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहां आए थे। लेकिन हम ऐसे कार्यक्रम की अनुमति नहीं दे सकते। उन्हें एहतियात के तौर पर हिरासत में रखा गया है। वह होटल से बाहर नहीं जा सकते।’’
हालांकि, राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष जुबैर अनम ने इस तरह के किसी कार्यक्रम से इनकार किया और कहा कि चिब पार्टी नेता मृदुल इस्लाम को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी द्वारा बुलाई गई सर्व-धर्म प्रार्थना सभा में भाग लेने के लिए यहां आए थे। मृदुल की मणिपुर में अशांति और अदाणी समूह के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के आरोपों सहित कई मुद्दों के खिलाफ ‘राजभवन चलो’ कार्यक्रम के दौरान बुधवार को मृत्यु हो गई थी।
अनम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारे पार्टी नेतृत्व ने मृदुल इस्लाम की मृत्यु के बाद से सभी आंदोलन कार्यक्रमों को तीन दिन के लिए स्थगित करने का फैसला किया था, इसलिए बृहस्पतिवार को निर्धारित हमारा ‘दिसपुर घेराव’ कार्यक्रम नहीं हुआ। हमारे सदस्यों को केवल सर्व धर्म प्रार्थना सभा में भाग लेकर मृदुल इस्लाम के प्रति ‘श्रद्धांजलि’ अर्पित करनी थी।’’
अनम को सुबह होटल में चिब से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अनम ने कहा कि आईवाईसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब भी हिरासत में हैं।
प्रदेश युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता सुबह से ही होटल के सामने एकत्र हो गये और अपने नेता की रिहाई की मांग को लेकर नारे लगाने लगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चिब को उनके वकील से संपर्क नहीं करने दिया गया।
उन्होंने दावा किया कि आईवाईसी अध्यक्ष का मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा, पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा और कई अन्य नेताओं को राज्य की राजधानी दिसपुर से लगभग चार किमी दूर हतिगांव पुलिस थाने के पास हिरासत में लिया गया, जब वे मनबेंद्र सरमा परिसर जा रहे थे। अनम ने कहा, ‘‘वे सर्व-धर्म प्रार्थना सभा में भाग लेने आ रहे थे लेकिन उन्हें बीच में ही रोक दिया गया और पुलिस हिरासत में ले लिया गया।’’
पुलिस आयुक्त बराह घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बोरा को एक वाहन के अंदर बैठाते देखा गया।
एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारियों ने इसके पहले दिसपुर क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, जिससे लोगों के एकत्र होने पर रोक लग गई। युवा कांग्रेस के सदस्यों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
बाद में कांग्रेस के सदस्यों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया और वरिष्ठ नेताओं के साथ 10वीं असम पुलिस बटालियन परिसर सहित विभिन्न स्थानों पर रखा गया।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों ने रिहाई के लिए बांड पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है।
आईवाईसी अध्यक्ष के कार्यालय ने चिब के निजी ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रिय हिमंत विश्व शर्मा, डरो मत! मुझे या युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करना केवल यह दर्शाता है कि आप कितनी कायरता से अपनी सरकार चला रहे हैं।’’
पोस्ट में कहा गया है, ‘‘पहले, आपने क्रूर पुलिस बल का इस्तेमाल करके हमारे कार्यकर्ता मृदुल इस्लाम को मार डाला। अब, ये गैरकानूनी गिरफ्तारियां आपकी कायरता का प्रमाण हैं। हम अन्याय के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करेंगे। हम आपको डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का और अपमान नहीं करने देंगे।’’
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया कि युवा कांग्रेस नेता अशांति पैदा करने के लिए आए थे और अगर वह किसी अन्य राज्य में ऐसे इरादे से जाते तो उन्हें जेल हो जाती।
नगांव में एक कार्यक्रम से इतर चिब की हिरासत के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे असम में अशांति पैदा करने के लिए हिमाचल प्रदेश से आए हैं। उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए था, लेकिन हमने कम से कम उन्हें होटल में रखा है।’’
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर चिब की निजी जानकारी में बताया गया है कि वह जम्मू-कश्मीर से हैं। शर्मा ने दावा किया कि किसी अन्य राज्य में चिब को जेल में भेज दिया गया होता। उन्होंने कहा कि असम एक प्यारा राज्य है, इसलिए उन्हें होटल में रखा गया है।
भाषा संतोष रंजन
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