(अदिति खन्ना)
लंदन, 15 दिसंबर (भाषा) महाराजा चार्ल्स तृतीय के छोटे भाई प्रिंस एंड्रयू के ‘‘करीबी विश्वासपात्र’’ के रूप में ‘बकिंघम पैलेस’ में प्रवेश पाने में कामयाब रहे एक कथित चीनी जासूस से जुड़ा मामला रविवार को और गहरा गया। मामले में अब पता चला है कि उसने पूर्व प्रधानमंत्रियों डेविड कैमरन और थेरेसा मे से भी मुलाकात की थी।
‘बकिंघम पैलेस’ ब्रिटेन के महाराजा-महारानी का लंदन स्थित आधिकारिक निवास है।
हालांकि, कैमरन और थेरेसा ने व्यक्ति के जासूस होने संबंधी किसी भी तरह की जानकारी से इनकार किया है, लेकिन मामला सुर्खियों में बना हुआ है, क्योंकि एक न्यायाधिकरण के न्यायाधीश ने कहा है कि वरिष्ठ शाही परिवार में उस व्यक्ति पर ‘‘असामान्य’’ स्तर का भरोसा था।
कानूनी कारणों से व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया गया और उसे ‘‘एच6’’ कोड नाम दिया गया है। बताया जाता है कि वह एक कारोबारी है।
इससे पहले ‘ड्यूक ऑफ यॉर्क’ एंड्रयू ने एक बयान में कहा था कि उन्होंने कथित जासूस के साथ ‘‘सभी संपर्क खत्म कर लिए हैं।’’
कैमरन का हवाला देते एक सूत्र के हवाले कहा, ‘‘डेविड कैमरन एक दशक से अधिक समय तक कंजरवेटिव पार्टी के नेता और छह साल तक प्रधानमंत्री रहे। उस दौरान सैकड़ों कार्यक्रमों में हजारों लोगों से उनकी मुलाकात हुई। हमारे पास इस व्यक्ति के बारे में कोई और जानकारी नहीं है।’’
वहीं, थेरेसा मे के प्रवक्ता ने कहा कि ‘‘उन्हें यह याद नहीं है कि (व्यक्ति के साथ) तस्वीर कब और कहां ली गई थी, या वह व्यक्ति कौन है।’’
इससे पहले पता चला था कि ‘एच6’ नामक शख्स को राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों के कारण ब्रिटेन में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। जुलाई में एक विशेष आव्रजन अपील आयोग (एसआईएसी) ने सुनवाई की जिसमें कहा गया कि उस व्यक्ति को 2020 में प्रिंस एंड्रयू की जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित किया गया था और शाही परिवार के एक सहयोगी ने उसे बताया था कि वह चीन में संभावित निवेशकों के साथ ड्यूक की ओर से काम कर सकता है।
एसआईएसी के मामले के विवरण के अनुसार, ‘एच6’ को पहली बार 2023 में सुएला ब्रेवरमैन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा की आशंकाओं के कारण देश में प्रवेश करने से रोक दिया गया था, जो उस समय गृह मंत्री थीं।
पिछले साल जुलाई में, गृह मंत्रालय ने कहा कि ‘एच6’ को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से ‘‘गोपनीय गतिविधि’’ में संलिप्त पाया गया। ‘एच6’ ने आरोपों से इनकार किया और एसआईएसी में उस फैसले की अपील की, जिसने बृहस्पतिवार को उसके खिलाफ फैसला सुनाया।
एक बयान में प्रिंस एंड्रयू के कार्यालय ने कहा कि ड्यूक ने ‘‘आधिकारिक चैनल के माध्यम से’’ उस व्यक्ति से मुलाकात की थी और ‘‘किसी भी संवेदनशील प्रकृति की कोई चर्चा नहीं हुई।’’
ब्रिटेन में चीनी दूतावास ने जासूसी के आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि ‘‘ब्रिटेन में कुछ लोग हमेशा चीन को निशाना बनाकर आधारहीन ‘जासूसी’ कहानियां गढ़ने के लिए उत्सुक रहते हैं।
भाषा आशीष नरेश
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