नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट को लेकर मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही, जो करीब दो साल का सबसे निचला स्तर है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अर्थव्यवस्था के हर एक पहलू को मोदी सरकार ने तार-तार कर दिया है। विकास दर लुढ़क रहा है। युवाओं के लिए नौकरियां नहीं है। विनिर्माण क्षेत्र का हाल चिंताजनक है।’’
उन्होंने दावा किया कि केवल प्रधानमंत्री मोदी के अरबपति मित्रों की चांदी है, छोटे व्यापारियों का बुरा हाल है।
कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश की जीडीपी धड़ाम से गिरी है। ये गिरकर 21 महीने के सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ चुकी है। जीडीपी गिरने का मतलब है कि निवेश कम हो रहा है, उपभोग कम हो रहा है, नौकरियां पैदा नहीं हो रहीं। जब जीडीपी वृद्धि की दर गिरती है, तो सरकार को चिंता करनी चाहिए। ये बहुत गंभीर विषय है, जिसे सरकार हल्के में ले रही है।’’
उन्होंने कहा कि अक्टूबर में रिजर्व बैंक ने दूसरी तिमाही की अनुमानित जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत बताई थी, वहीं वित्त मंत्रालय ने जीडीपी का अनुमान 6.5 प्रतिशत लगाया था.. जो गिरकर 5.4 प्रतिशत हो गया।
सुप्रिया ने दावा किया देश की अर्थव्यवस्था में क्या चल रहा है, इन्हें कुछ पता ही नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘उपभोग हिंदुस्तान की जीडीपी का 60 प्रतिशत यानी दो-तिहाई हिस्सा है, जो गिरकर 5.9 प्रतिशत पर आ गया है। उपभोग का सीधा सा मतलब है कि लोग कम खरीद रहे हैं, कम मांग है, लोगों के पास कम पैसा है, लोग जितना कम खरीदेंगे, उतना कम निवेश होगा और उतनी कम नौकरियां पैदा होंगी। ये कुचक्र चलता रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि जैसे-जैसे रुपया गिरता है, प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा गिरती है। नरेंद्र मोदी को मई, 2014 में रुपया 58 रुपए प्रति डॉलर का मिला था, लेकिन नवंबर-2024 तक नरेंद्र मोदी ने उसे 85 के पास पहुंचा दिया।’’
सुप्रिया ने सवाल किया कि सरकार का प्रचार कम खत्म होगा और मोदी सरकार आर्थिक चुनौतियों का समाधान कब करेगी?
उन्होंने यह भी कहा कि क्या प्रधानमंत्री को देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति के बारे में फिक्र है?
भाषा हक
हक दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.