नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) संसद में गतिरोध दूर करने के लिए सरकार और विपक्ष के एक सहमति पर पहुंचने के बीच, सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओब्रायन ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दोनों सदनों के बार-बार के स्थगन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
राज्यसभा में तृणमूल के संसदीय दल के नेता ने कहा, ‘‘भाजपा सत्र दर सत्र संसद को खत्म कर रही है।’’
सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विभिन्न दलों के सदन के नेताओं के साथ बैठक की, जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने भरोसा जताया कि मंगलवार से दोनों सदनों में सुचारू रूप से कामकाज होगा।
ओब्रायन ने हालांकि इस सत्र में दोनों सदनों में कामकाज नहीं होने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
ओब्रायन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें लगता है कि सरकार जानबूझ कर चर्चा से भाग रही है। दोनों सदनों को कुछ ही मिनट में स्थगित कर दिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने सदन में अब तक एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया है…नवंबर 2016 के बाद से विपक्ष का एक भी नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है।’’ तृणमूल नेता ने विपक्ष की विभिन्न शिकायतों का हवाला देते हुए यह कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा में कोई उपनेता नहीं है। 17वीं लोकसभा द्वारा पारित 221 विधेयकों में से एक-तिहाई, 60 मिनट से भी कम समय में पारित कर दिये गए।’’
हालांकि, तृणमूल ने कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे अदाणी मुद्दे से खुद को दूर रखा है।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने कहा कि वह चाहती है कि संसद में ‘‘लोगों के मुद्दे’’ उठाए जाएं, जिनमें पश्चिम बंगाल को केंद्रीय निधि से वंचित करना, मणिपुर संकट, पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित अपराजिता विधेयक, महंगाई, बेरोजगारी और उर्वरक की कमी जैसे मुद्दे शामिल हैं।
तृणमूल के एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने सोमवार सुबह लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों का समर्थन किया, क्योंकि वे एक मस्जिद के सर्वेक्षण और उत्तर प्रदेश के संभल में भड़की हिंसा पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे।
सरकार और विपक्षी दलों के बीच बनी सहमति के बाद संसद में संविधान पर चर्चा की तिथियों की घोषणा के साथ ही 25 नवंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने के समय से जारी गतिरोध सोमवार को टूटता दिखा। इसके साथ ही, अब मंगलवार से लोकसभा तथा राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने की संभावना है।
भाषा सुभाष प्रशांत
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