प्रयागराज, 28 नवंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 24 वर्षीय एक छात्र की मृत्यु के मामले में प्रदेश सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या छात्र की मृत्यु के मामले में कथित तौर पर संलिप्त पाए गए दो पुलिस कांस्टेबल और एक होम गार्ड के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने सरकार से चार दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
यह मामला एक छात्र से जुड़ा है जो रहस्यमयी परिस्थितियों में 2020 में लापता हो गया था और कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगे थे। वर्ष 2022 में सीबी-सीआईडी ने अपनी जांच में पाया कि 2020 में जिस शव की अंत्येष्टि की गई थी, वह बीएचयू के छात्र का था।
उच्च न्यायालय में यह बयान दिए जाने से इस बात की पुष्टि हो गई कि लापता छात्र अब इस दुनिया में नहीं रहा।
अगस्त, 2020 में अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इस छात्र के लापता होने के संबंध में एक पत्र याचिका दायर की जिसके बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले का संज्ञान लिया और नवंबर, 2020 में इस मामले की जांच सीबी-सीआईडी को स्थानांतरित की।
आरोपों के मुताबिक, इस छात्र को 12 फरवरी को बीएचयू के एमपी थिएटर ग्राउंड से कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा उठाया गया और लंका थाना ले जाया गया। उसके पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास कई बार शिकायतें की और आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन ये सभी प्रयास बेकार रहे।
भाषा राजेंद्र रंजन
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