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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशआप के दफ्तर में हंगामे का दो साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ किया जा रहा साझा

आप के दफ्तर में हंगामे का दो साल पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ किया जा रहा साझा

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(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (पीटीआई फैक्ट चेक) दिल्ली में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) कार्यालय में लोगों के हंगामे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है। इस वीडियो के हाल का होने की बात कहते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण लोग आप नेता की पिटाई कर रहे हैं।

पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में पाया गया कि वीडियो के हालिया होने को लेकर किया जा रहा दावा गलत है, क्योंकि यह नवंबर 2022 का है। उस समय आप विधायक गुलाब सिंह यादव पर उनके ही कार्यकर्ताओं ने हमला किया था।

वीडियो में कुछ लोग आपस में मारपीट करते हुए दिख रहे हैं

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक यूजर ने 16 नवंबर को वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “अच्छी खबर। दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को पीटना शुरू कर दिया है…।’

यूजर ने दावा किया कि एक आम आदमी ने आप नेता से संपर्क कर कहा कि हम लोग कठिनाई के साथ कर चुकाते हैं और पार्टी ‘मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण हिंदुओं की अनदेखी कर रही है’।

यूजर ने चेतावनी दी कि आप नेताओं को अब से हिंदू इलाकों में आने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, अन्यथा उनको ‘जूतों से नवाजा’ जाएगा, जो जनता ने पहले ही करना शुरू कर दिया है।

विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो समान दावे के साथ साझा किया जा रहा है।

वायरल वीडियो के ‘की-फ्रेम्स’ को रिवर्स सर्च करने पर हमें यह वीडियो भाजपा नेता तजिंदर बग्गा के ‘एक्स’ अकाउंट पर मिला। बग्गा ने इसे 21 नवंबर 2022 को शेयर करते हुए लिखा था, “विधायक गुलाब सिंह यादव पर टिकट बेचने के आरोप में उनके समर्थकों ने हमला किया।”

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर दो साल पहले प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक गुलाब सिंह यादव श्याम विहार इलाके में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे, तभी यह घटना हुई। दिल्ली भाजपा ने उस समय आरोप लगाया था कि टिकट बेचने के आरोप में विधायक के साथ कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी। हालांकि, आप ने भाजपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया था।

पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल का नहीं बल्कि नवंबर 2022 का है और यूजर दो साल पुरानी घटना के वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

(पीटीआई फैक्ट चेक)

साजन

पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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