बेंगलुरु, 20 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया बुधवार को नक्सल रोधी बल (एएनएफ) के साथ मुठभेड़ में माओवादी नेता विक्रम गौड़ा के मारे जाने को उचित ठहराते दिखे। उन्होंने कहा कि गौड़ा पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे और उसने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने के सरकार के निर्देश की अनदेखी भी की थी।
सिद्धरमैया ने सोमवार को हुई इस मुठभेड़ के बारे में संदेह व्यक्त करने वाले कुछ ‘बुद्धिजीवियों’ से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘एक स्थायी आदेश है। हमने कहा है कि अगर वे (नक्सली) आत्मसमर्पण करते हैं तो उन्हें सभी सुविधाएं दी जाएंगी। उसने (गौड़ा) आत्मसमर्पण नहीं किया। केरल सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, हमारी सरकार ने पांच लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपको इसकी (मुठभेड़) सराहना करनी चाहिए। क्या नक्सलवाद रहना चाहिए या खत्म होना चाहिए?’’
उडुपी जिले के हेबरी के पास काबिनले इलाके में पीतेबैलु गांव के पास एएनएफ और माओवादियों के एक समूह के बीच कथित गोलीबारी में गौड़ा (46) की मौत हो गई।
अधिकारियों के अनुसार, वह कर्नाटक के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में से एक था जिस पर राज्य में हत्या और जबरन वसूली सहित 61 मामले दर्ज थे वहीं केरल में 19 मामले दर्ज थे।
भाषा
संतोष अविनाश
अविनाश
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