बेंगलुरु, 20 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि पिछले साल उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य ने विभिन्न संगठनों के साथ 21 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके आर्थिक विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इससे 46,375 करोड़ रुपये का निवेश आने और 27,170 नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
भारतीय धातु संस्थान (आईआईएम) की 78वीं वार्षिक तकनीकी बैठक के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने कहा कि बेंगलुरु प्रौद्योगिकी और औद्योगिक प्रगति का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “हम इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे हैं, जिसमें धातुओं और सामग्रियों के भविष्य को आकार देने के लिए समर्पित 1,700 से अधिक विशेषज्ञ एक साथ आए हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन के सम्मेलन का विषय ‘सामग्री और विनिर्माण में परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियां’ रखा गया है। यह तेजी से विकसित हो रहे विश्व की जटिलताओं से निपटने के लिए अग्रणी समाधान को लागू करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा, “सामग्री और विनिर्माण क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और राष्ट्रीय मजबूती के स्तंभ हैं। उनका प्रभाव उद्योग से परे, हमारी सामूहिक प्रगति के हर क्षेत्र को छूता है।”
सिद्धरमैया ने कहा, “हरित भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के तहत कर्नाटक धातु और सामग्री निर्माण समेत विभिन्न उद्योगों में हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने को प्राथमिकता दे रहा है। इससे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखते हुए पर्यावरण अनुकूल व्यवहार को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है।”
उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती को कर्नाटक का समर्पण भारत के जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के समग्र लक्ष्यों के अनुरूप है।
भाषा अनुराग अजय
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