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Sunday, 24 November, 2024
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रहेजा डेवलपर्स ने दिवाला कार्यवाही के खिलाफ एनसीएलएटी का किया रुख

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नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) रहेजा डेवलपर्स ने दिवाला कार्यवाही शुरू करने के फैसले को अपीलीय अधिकरण एनसीएलएटी के समक्ष याचिका दायर कर बुधवार को चुनौती दी।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलटी) ने रहेजा डेवलपर्स के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का मंगलवार को निर्देश दिया था। गुरुग्राम स्थित शिलास परियोजना के फ्लैट आवंटियों की याचिका पर यह निर्देश दिया गया है।

एनसीएलटी ने मणिंद्र के तिवारी को रहेजा डेवलपर्स के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) भी नियुक्त किया और उन्हें 22 जनवरी 2025 तक सीआईआरपी की प्रगति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।

रियल एस्टेट कंपनी के निलंबित निदेशक मंडल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नवीन रहेजा ने अब उक्त आदेश को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष चुनौती दी है।

रहेजा की याचिका न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन की तीन सदस्यीय एनसीएलएटी पीठ के समक्ष पेश की गई, जिसने इसे सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

मामला हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 109 स्थित रहेजा शिलास परियोजना से जुड़ा है। 40 से अधिक फ्लैट खरीदारों ने कंपनी के खिलाफ 112.90 करोड़ रुपये के चूक का दावा किया है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने अधिकतर मामलों में रहेजा डेवलपर्स द्वारा जारी मांग पत्र के अनुसार कुल बिक्री मूल्य का 95 प्रतिशत से अधिक और अब तक की गई सभी मांगों का 100 प्रतिशत भुगतान कर दिया है।

हालांकि, कंपनी समझौते के तहत विस्तारित समयसीमा के भीतर भी फ्लैट देने में पूरी तरह से विफल रही।

रहेजा डेवलपर्स ने इस मामले में कहा कि चार साल से अधिक की देरी अप्रत्याशित घटना के कारण हुई, एक ऐसी स्थिति जो उसके नियंत्रण से परे है और यह समझौते में शामिल था।

कंपनी ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं की संख्या कुल खरीदारों के 10 प्रतिशत से कम है, अत: याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

हालांकि, एनसीएलटी ने कंपनी की दलीलों को खारिज कर दिया।

भाषा निहारिका

निहारिका

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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