नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता और दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद AAP नेताओं के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के किसी “दबाव” में यह फैसला नहीं लिया है.
भाजपा नेताओं का दावा है कि गहलोत का पार्टी में शामिल होना “केवल शुरुआत” है और आप के कई और नेता भाजपा नेतृत्व के संपर्क में हैं.
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बांकनेर से आप के पूर्व पार्षद राम नारायण भारद्वाज पिछले सप्ताह भाजपा में शामिल हुए. पश्चिमी दिल्ली के वरिष्ठ नेता हरशरण सिंह बल्ली भी चार साल आप में रहने के बाद पिछले सप्ताह भाजपा में वापस आ गए. अगस्त में आप के पांच पार्षद भाजपा में शामिल हुए थे.
चुनाव के समय दलबदल कोई नई बात नहीं है. अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में होने वाले चुनाव से पहले कई नेताओं के अपनी वफादारी बदलने की उम्मीद है.
गहलोत ने कहा, “मेरे लिए यह कोई आसान फैसला नहीं है…मैं अन्ना हज़ारे के समय से AAP का हिस्सा था… ईमानदारी से कहूं तो कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह रातों-रात लिया गया फैसला है…या दबाव के कारण…विधायक या मंत्री के तौर पर भी मैंने कभी किसी दबाव के कारण कुछ नहीं किया और जो लोग यह नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि मैंने ईडी या सीबीआई के दबाव या डर के कारण ऐसा किया है, वह पूरी तरह गलत हैं और मैं इसका पुरजोर खंडन करता हूं.”
केंद्र के साथ व्यवहार में आप सरकार के दृष्टिकोण की आलोचना करते हुए गहलोत ने कहा कि अगर कोई आपस में उलझता रहेगा तो विकास नहीं हो सकता. “असली विकास केवल भाजपा सरकार के अधीन ही हो सकता है.”
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में गहलोत ने अधूरे वादों और हालिया विवादों को पार्टी छोड़ने का कारण बताया था. नजफगढ़ से विधायक और केजरीवाल के पूर्व सहयोगी गहलोत ने रविवार को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
गहलोत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा सांसद और दिल्ली प्रभारी बैजयंत पांडा, दिल्ली भाजपा इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित अन्य की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए.
पांडा ने कहा, “आम आदमी पार्टी का आत्मविश्वास टूट चुका है. उसने आज तक कोई वादा पूरा नहीं किया है, दिल्ली की जनता ने मन बना लिया है कि वो दिल्ली में भाजपा को सत्ता में लाएंगे.”
भाजपा 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर है और इस चुनाव को सत्ता में आने के “सुनहरे अवसर” के रूप में देख रही है.
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “आने वाले कुछ दिनों में कई और नेता भाजपा में शामिल होंगे. वह काफी समय से हमारे संपर्क में हैं. पार्टी और सरकार के कामकाज के तरीके से कई लोग नाखुश हैं. आप जल्द ही AAP से लोगों का पलायन देखेंगे..यह पहले ही शुरू हो चुका है. सरकार के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर है और AAP के कई नेताओं का कहना है कि उनके सुझावों को वरिष्ठ नेताओं द्वारा अनदेखा किया जाता है.”
बाद में AAP के एक अंदरूनी सूत्र ने भाजपा पदाधिकारी के दावे को कमतर आंकते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में कई भाजपा नेता वास्तव में सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए हैं. “भविष्य में कई और लोग ऐसा करेंगे”.
इस बीच, भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को लेकर AAP को घेरने की कोशिश कर रही है. अगले महीने दिल्ली में होने वाली इसकी ‘परिवर्तन यात्रा’ का मुख्य मुद्दा प्रदूषण होगा.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा की ‘परिवर्तन यात्रा’ में दिल्ली का प्रदूषण शीर्ष मुद्दों में शामिल