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Sunday, 17 November, 2024
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एमवीए बहुमत हासिल करने की ओर अग्रसर : थोराट

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(सागर कुलकर्णी)

शिरडी, 17 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बालासाहेब थोराट ने दावा किया है कि विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) स्पष्ट बहुमत हासिल करेगा। उन्होंने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा भी जाहिर की।

राज्य में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष साक्षात्कार में थोराट (71) ने कहा कि वह एमवीए में राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार के बाद कुछ वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और गठबंधन के नेताओं के साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंध हैं।

थोराट का यह बयान ऐसे समय आया है, जब सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अगला मुख्यमंत्री घोषित करने का इच्छुक नहीं दिख रहा है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री के बारे में फैसला लिया जाएगा।

अहिल्यानगर जिले के संगमनेर से आठ बार विधायक रहे थोराट से जब पूछा गया कि क्या वह खुद को विपक्षी गठबंधन का स्वीकार्य चेहरा मानते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं शरद पवार के बाद एमवीए में सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हूं।’’

थोराट से जब पूछा गया कि क्या वह पश्चिमी महाराष्ट्र से अगला मुख्यमंत्री देखना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं मध्य महाराष्ट्र से आता हूं।’

अहिल्यानगर जिला पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र के बीच स्थित है। 1999 से महाराष्ट्र में पिछली सरकारों में कई प्रमुख मंत्री पदों पर रह चुके थोराट का संगमनेर में शिवसेना के अमोल खटल से मुकाबला है।

महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने जब गठबंधन सहयोगियों के बीच नाराजगी की बात कही थी, तब कांग्रेस आलाकमान ने सहयोगी दलों शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए थोराट को भेजा था। थोराट महाराष्ट्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

कांग्रेस कार्यसमिति में स्थायी आमंत्रित सदस्य थोराट ने कहा, ‘मुझे एमवीए के लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं। हमें बहुमत मिलने वाला है और अब हम अपने संख्याबल को बेहतर करने के लिए काम कर रहे हैं।’

उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद किसी भी राजनीतिक पुनर्संयोजन की संभावना से इनकार किया। गौरतलब है कि साल 2019 में (तत्कालीन अविभाजित) शिवसेना ने दीर्घकालिक सहयोगी भाजपा को छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) व कांग्रेस से हाथ मिला लिया था, जिसके बाद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे।

थोराट ने दावा किया, ‘हमारा पहला और सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा महायुति सरकार से छुटकारा पाना है, जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है।’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बनी थी। यहां तक ​​कि दो पार्टियों को तोड़ने के लिए दलबदल विरोधी कानूनों को भी दरकिनार कर दिया गया।’

एकनाथ शिंदे के कई शिवसेना विधायकों के समर्थन का दावा करने और भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद उद्धव को 2022 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

वहीं, अजित पवार के पिछले साल राकांपा के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के साथ बगावत करने और शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी दो हिस्सों में बंट गई थी।

भाषा जोहेब पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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