नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) भारतीय बायोगैस एसोसिएशन ने वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने और लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) या प्राकृतिक गैस पर आधारित वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली एनसीआर में चार पहिया वाहनों के लिए ऑड-ईवन (सम-विषम) नियम लागू करने का सुझाव दिया है।
ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी)-चार (450 से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ) उपायों के तहत, चार पहिया वाहनों के लिए ऑड/ईवन नियम लागू किया जाता है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पहले ही वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने के साथ ही जीआरएपी-3 उपाय लागू कर दिए हैं।
पीटीआई-भाषा से बातचीत में आईबीए के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा, “हम आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करने की सिफारिश करते हैं ताकि दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर पर अच्छा प्रभाव देखा जा सके और इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी/सीबीजी वाहनों पर सब्सिडी दी जाए, क्योंकि इससे नागरिक हरित ईंधन विकल्पों की ओर रुख करने के लिए मजबूर होंगे।”
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति हर सर्दियों में खराब हो जाती है, मौसमी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 300 अंक से ऊपर रहता है। अपने गंभीर रूप से प्रदूषित एक्यूआई के कारण दिल्ली दुनिया भर का ध्यान पृथ्वी पर सबसे प्रदूषित शहरों में से एक हो गई है।
पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष, विशेष रूप से धान के भूसे को जलाना, इस परिदृश्य में एक प्रमुख योगदानकर्ता है, लेकिन यह बड़ी पहेली का एक छोटा सा हिस्सा है।
केडिया ने सुझाव दिया कि सरकार को बिजली बिलों पर कम शुल्क, पीएनजी कनेक्शन और घरों के लिए एलपीजी सिलेंडर जैसी प्रोत्साहन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो जैविक कचरे को प्रभावी ढंग से अलग करते हैं।
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