नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारत तथा नेपाल के बीच घनिष्ठ रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और अधिक विस्तारित करने के तरीके तलाशने के लिए 20 नवंबर से हिमालयी राष्ट्र नेपाल की चार दिवसीय यात्रा करेंगे।
जनरल द्विवेदी की यात्रा के दौरान नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल 1950 में शुरू हुई परंपरा को जारी रखते हुए काठमांडू में उन्हें ‘‘नेपाल सेना के जनरल’’ की मानद उपाधि प्रदान करेंगे। यह परंपरा दोनों सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है।
रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख की 20 से 24 नवंबर तक की नेपाल यात्रा दोनों पड़ोसी देशों के बीच विकसित हो रही सैन्य कूटनीति में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ेगी।
उन्होंने कहा कि इससे रक्षा संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है तथा इससे सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर रणनीतिक चर्चा सहित कई मोर्चों पर निरंतर सहयोग का मार्ग प्रशस्त होगा।
जनरल द्विवेदी अपने नेपाली समकक्ष जनरल अशोक राज सिगदेल के साथ व्यापक वार्ता करेंगे और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली तथा नेपाल सरकार के अन्य प्रमुख नेताओं से भी उनके मुलाकात करने की संभावना है।
क्षेत्र में भारत के समग्र सामरिक हितों के संदर्भ में नेपाल उसके लिए महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के नेता सदियों पुराने ‘‘रोटी बेटी’’ संबंधों का अकसर उल्लेख करते रहे हैं।
चारों ओर से जमीनी सीमा से घिरा नेपाल माल और सेवाओं के परिवहन के लिए भारत पर अत्यधिक निर्भर है। नेपाल की समुद्र तक पहुंच भारत के माध्यम से है और वह अपनी आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा भारत से और उसके माध्यम से आयात करता है।
सूत्रों ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच विशेष संबंध हैं, जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक कारकों से और मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह संबंध एक मजबूत सैन्य साझेदारी में बदल गया है और यह साझेदारी क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है।
जनरल द्विवेदी के नेपाल के मुस्तांग क्षेत्र में श्री मुक्तिनाथ मंदिर जाने की भी संभावना है।
ऐसा बताया जाता है कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी इस मंदिर में जाना चाहते थे। उनकी याद में फरवरी 2023 में मंदिर में ‘बिपिन बेल’ नाम की घंटी लगाई गई थी।
जनरल द्विवेदी की यात्रा के दौरान विभिन्न पहलों के माध्यम से दोनों सेनाओं में जारी रक्षा आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य कर्मियों को अपने प्रतिष्ठित सैन्य संस्थानों में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। इस सहयोग के तहत इस वर्ष अकेले भारत में 300 से अधिक नेपाली सैन्यकर्मियों को विशेष क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है। इसी तरह, भारतीय सेना के जवान भी नेपाल में प्रशिक्षण लेते हैं।
भारत-नेपाल सैन्य सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ वार्षिक ‘सूर्य किरण’ संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद रोधी अभियान, आपदा राहत और मानवीय सहायता पर केंद्रित इस सैन्य अभ्यास का 18वां सत्र दिसंबर में नेपाल में आयोजित किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा मुद्दों पर नेपाल-भारत द्विपक्षीय परामर्श समूह के माध्यम से दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए 15 बैठक की हैं।
उन्होंने कहा कि जनरल द्विवेदी की यात्रा इन संबंधों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी और इस दौरान आपदा प्रतिक्रिया तंत्र में सुधार और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने पर चर्चा की जाएगी।
नेपाल में भारत के पूर्व सैनिकों की बड़ी आबादी भी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भाषा नेत्रपाल माधव
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