गुवाहाटी, 16 नवंबर (भाषा) मणिपुर के जिरीबाम जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गये 10 कुकी-जो युवकों के शवों को शनिवार को हेलीकॉप्टर से असम के सिलचर से चुराचांदपुर ले जाया गया। सिलचर में शवों का पोस्टमार्टम किया गया था।
इससे पहले असम पुलिस ने सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) के बाहर इन युवकों के परिजनों पर लाठीचार्ज किया जो शव सौंपे जाने की मांग कर रहे थे।
असम के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि शव मणिपुर पुलिस को सौंप दिए जाएंगे और वे इस मामले को उनके समक्ष उठा सकते हैं।
लेकिन आक्रोशित परिजनों ने यह प्रस्ताव नहीं माना और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिसमें कई लोग घायल हो गए। घायलों में एक महिला समेत चार पत्रकार शामिल हैं।
कछार के पुलिस अधीक्षक नुमाल महट्टा ने इन परिवारों से कहा कि उन्हें चुराचांदपुर में ही शव लेने पड़ेंगे। अंतत: परिवार असम पुलिस के प्रस्ताव पर राजी हो गये।
इसके बाद मणिपुर पुलिस और असम पुलिस ने इन शवों को हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचाने की व्यवस्था की। शनिवार दोपहर को शव चुराचांदपुर पहुंचा दिए गए।
इस बीच, जिरी नदी से बरामद तीन शवों का सिलचर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम शुरू हो गया।
सूत्रों ने बताया, ‘‘रिपोर्ट शनिवार या रविवार को उपलब्ध होने की उम्मीद है। शुक्रवार शाम सात बजे सिलचर लाए गए इन (तीनों) शवों के बारे में संदेह है कि वे उन तीन लोगों के हैं जो सोमवार को राहत शिविर से लापता हो गए थे और कथित तौर पर ‘उग्रवादियों’ द्वारा बंधक बनाए गए थे।’’
इस बीच, ऐसी अपुष्ट खबरें हैं कि शेष तीन बंधकों के शव भी मिल गए हैं। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
बंधक बनाए गए लोगों में तीन बच्चे और तीन महिलाएं थीं। वे सभी लोग मेइती समुदाय से थे।
जिरीबाम में जरूरी सुविधाएं नहीं होने के कारण शवों का पोस्टमार्टम एसएमसीएच में किया गया।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश
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