पुणे, 16 नवंबर (भाषा) कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए शनिवार को बाल ठाकरे का जिक्र किया और कहा कि शिवसेना संस्थापक कभी शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त नहीं करते।
प्रियंका ने ठाकरे का दुर्लभ संदर्भ ऐसे समय में दिया है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को चुनौती दी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि राहुल गांधी बाल ठाकरे और वी डी सावरकर की प्रशंसा में कुछ शब्द बोलें।
बाल ठाकरे के आक्रामक हिंदुत्व को कांग्रेस की पिछली पीढ़ी के नेताओं ने खारिज किया था।
प्रियंका ने 2022 में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के गिरने के स्पष्ट संदर्भ में भाजपा पर उद्धव ठाकरे की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया।
उन्होंने शिरडी और कोल्हापुर में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मोदी हमेशा शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का नाम लेते हैं। हां, हमारी विचारधाराएं (कांग्रेस और शिवसेना की) अलग हैं…हां, हमारी राजनीतिक सोच अलग है…लेकिन न तो बालासाहेब ठाकरे शिवाजी महाराज का अपमान बर्दाश्त करते और न ही कांग्रेस का कोई नेता तथा राहुल जी (गांधी) इसे बर्दाश्त करेंगे।’’
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद गठित महा विकास आघाडी में शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
उन्होंने महायुति के नेताओं पर शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगाया और अगस्त में सिंधुदुर्ग जिले में उनकी प्रतिमा गिरने का मुद्दा उठाते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
प्रियंका ने कहा, ‘‘संसद के बाहर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटा दी गई। सिंधुदुर्ग में स्थापित प्रतिमा इसलिए ढह गई क्योंकि इसके निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ था। अगर आप उन महान राजा का अपमान करना चाहते हैं तो उनका नाम लेने का क्या मतलब है?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि और इसके लोगों का अपमान किया जा रहा है।
प्रियंका ने कहा, ‘‘मोदी जी समेत ये सभी नेता उनका (शिवाजी महाराज का) नाम लेते हैं लेकिन उनका सम्मान नहीं करते।’’
उन्होंने मुंबई अपतटीय क्षेत्र में शिवाजी के प्रस्तावित स्मारक का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की नींव रखी, लेकिन बाद में काम रोक दिया। वह सार्वजनिक मंच पर बालासाहेब ठाकरे का नाम लेते हैं, लेकिन जब शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पूरी करने की बात आती है, तो वह ऐसा नहीं करते।’’
प्रियंका ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों और कार्यों में विरोधाभास झलकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री के भाषणों को सुनती हूं तो वे निराशाजनक होते हैं क्योंकि उनके भाषणों में कोई सच्चाई नहीं होती। ऐसा लगता है कि वे कहते कुछ हैं तथा करते कुछ और हैं। हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सच बोलेंगे तथा सकारात्मक बातें करेंगे (अपने संवैधानिक पदों के कारण)।’’
भाषा नेत्रपाल माधव
माधव
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.