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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशदिल्ली की अदालत ने 241 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में कारोबारी को जमानत दी

दिल्ली की अदालत ने 241 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में कारोबारी को जमानत दी

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नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने भूखंड खरीदारों से कथित धोखाधड़ी से जुड़े 241 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले में एक कारोबारी को जमानत दे दी।

अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए कारोबारी को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया था।

विशेष न्यायाधीश गौरव गुप्ता ने राजेश कत्याल को राहत प्रदान की, जिन पर भूखंड खरीदारों से उनकी मेहनत की कमाई ठगने का आरोप है।

न्यायाधीश ने आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गीता लूथरा की दलीलों पर गौर किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 जुलाई, 2024 को पारित आदेश के माध्यम से प्राथमिकी में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर ईडी ने अपना मामला दर्ज किया था।

अदालत ने कहा, ‘‘चूंकि प्राथमिकी पूर्ववर्ती अपराध का हिस्सा है (जिसके आधार पर ईडी ने वर्तमान मामला दर्ज किया है), ईडी को उक्त आदेश का पालन करना चाहिए था। हालांकि, एक संवैधानिक अदालत द्वारा पारित आदेशों की अवहेलना करते हुए, ईडी ने मनमाने तरीके से आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्यवाही की।

न्यायाधीश ने 14 नवंबर को पारित आदेश में कहा, ‘‘ईडी कम से कम इतना तो कर सकती थी कि आरोपी को गिरफ्तार करने से पहले उच्च न्यायालय से अनुमति ले लेती। हालांकि, ईडी की ओर से लापरवाही से यह घोषित कर दिया गया कि वे उच्च न्यायालय के उक्त आदेशों से बंधे नहीं हैं। ईडी के इस रुख की निंदा की जानी चाहिए।’’

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि संबंधित अपराध का अस्तित्व ही संदिग्ध है, इसलिए ‘‘अदालत के पास यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी कथित अपराध का दोषी नहीं है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि ईडी ने न केवल रद्द की जा चुकी प्राथमिकियों के आधार पर अपना मामला दर्ज किया, बल्कि मामले में पहले कत्याल की रिमांड मांगने वाले अपने आवेदन में भी ‘‘सुविधाजनक ढंग से इसका खुलासा करना भूल गई।’’

ईडी के इस दावे पर कि आरोपियों को अपराध की आय से 50 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, न्यायाधीश ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि यह भूखंड खरीदारों का पैसा था जो आरोपियों के हाथों में आया।

ईडी के अनुसार, आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर गुरुग्राम में ब्रह्म सिटी/क्रिश वर्ल्ड में विभिन्न भूखंड खरीदारों से प्राप्त करीब 250 करोड़ रुपये को फर्जी कंपनियों के माध्यम से अपनी कंपनियों के खातों में स्थानांतरित कर दिया और उसे विदेश में जमा कर दिया।

भाषा आशीष वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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