नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) भारत में ‘इस्लामी खिलाफत’ स्थापित करने के मकसद से आतंकवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के लिए तमिलनाडु में युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में कथित रूप से शामिल छह लोगों के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आरोपपत्र दाखिल किया। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
एनआईए ने एक बयान में कहा, प्रमुख साजिशकर्ताओं में डॉ. हमीद हुसैन, अहमद मंसूर, अब्दुर रहमान, मोहम्मद मौरिस, खादर नवाज शरीफ और अहमद अली शामिल हैं।
बयान के अनुसार, यह साजिश भारत में इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के लिए अपनी हिंसक जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए एचयूटी द्वारा मुस्लिम युवाओं की भर्ती और अन्य गतिविधियों से संबंधित है। साथ ही, ‘‘इसका मकसद हुत-उत-तैयबा के संस्थापक शेख तकी अल-दीन अल-नभानी के इस्लामी संविधान के मसौदे को लागू करना भी है।’’
एनआईए की जांच से पता चला कि आरोपी एचयूटी के प्रमुख सदस्य थे और उन्हें धार्मिक प्रमुखों/उलेमाओं/इमामों के साथ भर्ती अभियान से जुड़ी बैठकें आयोजित करने का काम सौंपा गया था।
बयान में कहा गया है कि सभी आरोपी अपने पाकिस्तान स्थित एचयूटी समकक्षों के संपर्क में थे और पाकिस्तानी सेना की सहायता से कश्मीर के हिंसक अलगाववाद के संबंध में अपनी पत्रिका/लेखों का प्रचार करते थे।
इसमें कहा गया है कि उन्हें प्रसार के लिए एचयूटी के केंद्रीय मीडिया कार्यालय (सीएमओ) द्वारा प्रकाशित भड़काऊ लेख उपलब्ध कराए गए थे।
मामला मूल रूप से तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और बाद में एनआईए ने इसकी जांच की जिम्मेदारी संभाल ली।
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