जमुई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर बिहार के जमुई से 6,640 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.
मोदी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह में भाग लेने के लिए जमुई आए हैं.
बिरसा मुंडा एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें छोटानागपुर पठार के आदिवासी समुदाय के लोग प्रेमपूर्वक ‘‘भगवान’’ कहते हैं.
मोदी ने राज्य की राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर दूर जमुई जिले के एक सुदूर गांव में ‘‘जनजातीय गौरव दिवस’’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
वर्ष 2021 से बिरसा मुंडा की जयंती को ‘‘जनजातीय गौरव दिवस’’ के रूप में मनाया जाता है.
उन्होंने मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण भी किया. उन्होंने पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) के तहत आदिवासी परिवारों के लिए बनाए गए 11,000 घरों के ‘गृह प्रवेश’ में भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने जिन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, वे आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका सृजन में सुधार पर केंद्रित हैं.
उन्होंने दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंच बढ़ाने के लिए पीएम-जनमन के तहत 23 चल चिकित्सा इकाइयों (एमएमयू) और ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ (डीएजेजीयूए) के तहत 30 अतिरिक्त एमएमयू की शुरुआत की.
मोदी ने 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और 300 वन धन विकास केंद्रों का उद्घाटन किया, जिनका उद्देश्य उद्यमिता को बढ़ावा देना और आजीविका में सुधार करना है.
उन्होंने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में दो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों और श्रीनगर तथा गंगटोक में दो आदिवासी अनुसंधान संस्थानों का भी उद्घाटन किया, ताकि आदिवासी समुदायों के इतिहास का दस्तावेजीकरण और संरक्षण किया जा सके.
प्रधानमंत्री का एक सप्ताह से भी कम समय में बिहार का यह दूसरा दौरा है. इससे पहले उन्होंने बुधवार को राज्य के उत्तरी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में से एक दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी थी.
जमुई की सीमा झारखंड से लगती है, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.