नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रभावी रूप से प्रमुख अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी के बाद उसके प्रत्यर्पण के लिए कनाडा से अनुरोध करेगा।
डल्ला को 2023 में भारत में आतंकवादी घोषित किया गया था। जुलाई 2023 में भारत ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हालिया गिरफ्तारी के मद्देनजर हमारी एजेंसियां प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करेंगी।”
उन्होंने कहा, “भारत में अर्श डल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि उसे भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा।”
पिछले महीने के अंत में कनाडा पुलिस ने कथित तौर पर डल्ला को गिरफ्तार किया था।
जायसवाल ने कहा, “हमने 10 नवंबर से मीडिया में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रभावी प्रमुख घोषित अपराधी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी की खबरें देखी हैं।”
उन्होंने कहा, “कनाडाई प्रिंट और दृश्य मीडिया ने गिरफ्तारी के बारे में व्यापक रूप से रिपोर्ट की है। हमें पता चला है कि ओंटारियो अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।”
जायसवाल डल्ला की गिरफ्तारी के संबंध में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
जायसवाल ने कहा, “अर्श डल्ला हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण सहित 50 से अधिक मामलों में घोषित अपराधी है। मई 2022 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।”
उन्होंने कहा, “उसे 2023 में भारत में एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था। जुलाई 2023 में, भारत सरकार ने कनाडा सरकार से उसकी अनंतिम गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया था। इसे अस्वीकार कर दिया गया था।”
जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मामले में कनाडाई अधिकारियों को अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध करा दी है।
जायसवाल ने कहा, “अर्श डल्ला के संदिग्ध आवासीय पते, भारत में उसके वित्तीय लेन-देन, चल/अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबरों आदि के विवरण को सत्यापित करने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत कनाडा को एक अलग अनुरोध भी भेजा गया था – ये सभी विवरण जनवरी 2023 में कनाडाई अधिकारियों को प्रदान किए गए थे।”
उन्होंने कहा, “दिसंबर 2023 में कनाडा के न्याय विभाग ने मामले पर अतिरिक्त जानकारी मांगी थी। इन प्रश्नों का उत्तर इस वर्ष मार्च में भेजा गया।”
भाषा प्रशांत रंजन
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