नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सूचित किया है कि हरियाणा से आने वाला और यमुना नदी में मिलने वाला अत्यधिक प्रदूषित नाला बुराड़ी में सैकड़ों मछलियों की मौत के लिए जिम्मेदार है।
इससे पहले एनजीटी ने एक अखबार की खबर पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें यह बताया गया था कि इस साल जुलाई में यमुना नदी में सैकड़ों मछलियां मरी हुई पाई गईं, जिसके कारण बुराड़ी क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में बदबू फैल गई थी।
एनजीटी ने डीपीसीसी को घटनास्थल का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
मंगलवार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में डीपीसीसी ने कहा कि 29 अगस्त को उस स्थान का निरीक्षण किया गया था और पानी के नमूने एकत्र किए गए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा से एक नाले (जिसे ड्रेन नंबर 8 कहा जाता है) का पानी आता है जो उस स्थान के पास यमुना में मिलता है।
इसमें कहा गया है कि नमूने तीन स्थानों से एकत्र किए गए थे। नाले के नदी में मिलने से पहले का नमूना, नाले से मिलने से पहले का यमुना के पानी का नमूना, तथा नाले से मिलने के बाद का नदी के पानी का नमूना लिया गया और जांच की गई।
परिणामों का हवाला देते हुए डीपीसीसी ने कहा कि नाले का पानी अत्यधिक प्रदूषित था और जब यह नदी में मिला, तो इसने नदी के पानी की गुणवत्ता को खराब कर दिया।
डीपीसीसी ने कहा कि यह विशेष रूप से मानसून से पहले हुआ, जिसके परिणामस्वरूप मछलियों की मौत हो गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) और हरियाणा सरकार को इस नाले नंबर 08 में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि उपर्युक्त खंड में मछलियों की मौत की ऐसी घटना भविष्य में न हो।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीपीसीसी ने नाले में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय करने के वास्ते एचएसपीसीबी और राज्य के शहरी विकास प्राधिकरण को एक पत्र भेजा है।
भाषा
योगेश मनीषा
मनीषा
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