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Tuesday, 5 November, 2024
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फर्जी विवाह प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार

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प्रयागराज, पांच नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की कैंट थाना पुलिस और एसओजी की टीम ने फर्जी विवाह प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस उपायुक्त (नगर) अभिषेक भारती ने संवाददाताओं को बताया कि फर्जी विवाह प्रमाणपत्र बनाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को सोमवार को कैंट थाना क्षेत्र में हनुमान मंदिर के पास फोटोस्टेट की एक दुकान से गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से तीन कंप्यूटर और तीन धार्मिक संस्थाओं के विवाह प्रमाणपत्र के फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

भारती के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रयागराज निवासी राजा उर्फ शेषमणि दुबे और अंबेडकरनगर के रहने वाले अनिल कुमार प्रजापति के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका ‘शिवानी एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार’ में याचिकाकर्ता की ओर से संलग्न किए गए विवाह प्रमाणपत्र की सत्यता की जांच के दौरान पता चला कि उक्त विवाह प्रमाणपत्र, आर्य समाज द्वारा जारी नहीं किया गया है, बल्कि फर्जी है।

भारती के मुताबिक, इस मामले में कैंट थाने में 13 अक्टूबर, 2024 को मुकदमा दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि नवविवाहित दंपति कई धार्मिक संस्थाओं के नाम से फर्जी विवाह प्रमाणपत्र पंजीकृत कराते हैं और उसके आधार पर उच्च न्यायालय से सुरक्षा दिए जाने की मांग करते हैं।

भारती के अनुसार, जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि कई नवविवाहित दंपति विवाह की आयु से कम के हैं।

उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कुल नौ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें से एक-एक कौंधियारा और हंडिया थाने में, जबकि सात कैंट थाने में पंजीकृत हैं।

भारती के मुताबिक, 13 अक्टूबर को कैंट थाने में दर्ज मामले में फर्जी विवाह प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में श्रीकांत नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया है, जबकि हंडिया थाने में दर्ज मामले में आशीष कुमार वर्मा को फर्जी विवाह प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इन सभी मामलों की जांच जारी है और अपराध में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

भाषा

राजेंद्र पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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