नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के उस आरोप को लेकर सोमवार को उसे आड़े हाथों लिया जिसमें विपक्षी दल ने कहा था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के आरक्षण के अधिकार को छीना जा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को केंद्र पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के आरक्षण के अधिकार को छीनने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा सामाजिक न्याय की लड़ाई का मजाक उड़ाता है।
खरगे ने कहा कि आरटीआई के जरिए हासिल सूचना से पता चला है कि 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 18,940 स्वीकृत पदों में से 27 प्रतिशत शिक्षण पद खाली पड़े हैं।
प्रधान ने ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट पर कहा, “ कांग्रेस पार्टी की आदत सिर्फ झूठ बोलने की है। एक झूठ जब इनका टिकता नहीं है तो दूसरा झूठ लेकर निकल पड़ते हैं। जबकि, सच शीशे की तरह बिल्कुल साफ है। 2014 में कांग्रेस की यूपीए सरकार के समय केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 16,217 स्वीकृत पद थे जिसमें 6042 पद, कुल 37 प्रतिशत पद रिक्त थे। एससी, एसटी व ओबीसी के 57 फीसदी, 63 प्रतिशत और 60 फीसदी पद खाली थे।”
मंत्री ने दावा किया कि हर वर्ग को साथ लेकर इन सभी रिक्त पदों को भरने का काम मोदी सरकार तेजी से कर रही है।
उन्होंने कहा, “ यही वजह है कि 2014 की तुलना में 2024 में स्वीकृत पदों की संख्या (18,940) में वृद्धि होने के बाद भी कुल रिक्त पदों की संख्या 37 प्रतिशत से घटकर आज 26.8 फीसदी हो गयी है। पिछले दो वर्षों के दौरान मिशन मोड पर 6890 से अधिक शैक्षणिक पदों पर भर्ती की गयी है, जिसमें 939 (13.6 प्रतिशत) एससी, 464 (6.7 फीसदी) एसटी, 1535 (22.27 प्रतिशत) ओबीसी और 348 (5.05 प्रतिशत) ईडब्ल्यूएस से हैं।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती एक सतत प्रक्रिया है जो अभूतपूर्व गति से लगातार जारी है।
प्रधान ने आरोप लगाया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को लेकर भ्रम फैलाने के लिए राहुल गांधी की राह पर चलते हुए स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे निकल पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को बताना चाहिए कि 60 साल तक देश में शासन करने के बावजूद उसने दलित, शोषित और पिछड़ों को उनके अधिकारों से क्यों वंचित रखा? आखिर क्या कारण था कि देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिला?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने न केवल एससी, एसटी और ओबीसी बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर ईडब्ल्यूएस वर्ग को भी अधिकार देने का काम किया है।
प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि खरगे ने राहुल गांधी को खुश करने के लिए इस मुद्दे पर झूठ बोला है।
उन्होंने कहा, “(लोकसभा में विपक्ष के नेता) राहुल गांधी को खुश करने के लिए उन्होंने जिस झूठ का सहारा लिया है, वह बिल्कुल निराधार है। राहुल गांधी तो झूठ का पुलिंदा हैं और ऐसा ही झूठ लेकर ये लोग हरियाणा में भी निकले थे। लेकिन जनता ने इन्हें आईना दिखा दिया और अब उसी बौखलाहट में फिर से अनाप-शनाप झूठ का प्रपंच कांग्रेस पार्टी द्वारा खड़ा किया जा रहा है, जो टिकने वाला नहीं है।”
भाषा नोमान रंजन
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